झालावाड़ स्कूल हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर देवली-उनियारा से निर्दलीय उपचुनाव लड़ चुके नरेश मीणा ने राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन शुरू किया था। कई दिनों से भोजन त्यागने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद नरेश मीणा अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक हादसे में मारे गए बच्चों के परिवारों को उचित मुआवजा और न्याय नहीं मिलता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नरेश मीणा के अनशन को लेकर चिंता जताई है। गहलोत ने लिखा कि नरेश मीणा पिछले 11 दिनों से अनशन पर बैठे हैं। उनकी भावना सराहनीय है क्योंकि वह हादसे में जान गंवाने वाले बच्चों के परिवारों को अधिक मुआवजा दिलाना चाहते हैं। गहलोत ने कहा कि लंबे समय तक अनशन जारी रखने से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से अपील की कि वे हस्तक्षेप कर अनशन तुड़वाने का प्रयास करें। साथ ही गहलोत ने नरेश मीणा से भी आग्रह किया कि वे अपना अनशन समाप्त करें, क्योंकि उनकी भावना और संदेश जनता तक पहुंच चुका है।
श्री नरेश मीणा पिछले 11 दिन से अनशन पर हैं। श्री नरेश मीणा की भावना अच्छी है कि वह झालावाड़ में स्कूल गिरने से मारे गए बच्चों के परिजनों को अधिक मुआवजा दिलाना चाहते हैं परन्तु मुझे ज्ञात हुआ है कि इस तरह लम्बे समय तक अनशन जारी रखने से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगा…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 22, 2025
अस्पताल पहुंचे कांग्रेस और अन्य नेता
झालावाड़ स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग पर अनशन कर रहे नरेश मीणा की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में उनका हालचाल जानने के लिए कई नेता पहुंचे। इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास अस्पताल पहुंचे और नरेश मीणा को जल पिलाकर उनकी सेहत की जानकारी ली।
वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कई अन्य नेता भी अस्पताल जाकर उनकी कुशलक्षेम की जानकारी ली।
नरेश मीणा सरकार से मुआवजे की मांग पर अड़े
झालावाड़ स्कूल हादसे के पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने के लिए अनशन कर रहे नरेश मीणा अब भी अपनी मांग पर डटे हुए हैं। स्वास्थ्य बिगड़ने और कई नेताओं के समझाने के बावजूद नरेश मीणा ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य केवल हादसे में मारे गए बच्चों के परिवारों को उचित मुआवजा दिलाना है। उनका कहना है कि जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। समर्थकों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि नरेश मीणा का यह कदम पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बना हुआ है।
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