Rajasthan IPS Transfer List 2025: राजस्थान में प्रशासनिक फेरबदल का सिलसिला लगातार जारी है। मंगलवार को राज्य सरकार ने 5 भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों के तबादले और नई पोस्टिंग के आदेश जारी किए हैं। खास बात यह है कि इन अधिकारियों को हाल ही में आईपीएस सेवा में पदोन्नत किया गया था, और अब उन्हें राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों में अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
कार्मिक विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। सूत्रों के अनुसार, जिन पांच अधिकारियों का तबादला हुआ है, वे सभी 2016 बैच से हैं और अब उन्हें राज्य के महत्वपूर्ण पदों की कमान संभालनी होगी। राजस्थान सरकार ने हाल ही में पदोन्नत 2016 बैच के 5 IPS अधिकारियों को नई जिम्मेदारियों के साथ विभिन्न अहम पदों पर तैनात किया है।
नई जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- पीयूष दीक्षित (2016 बैच): पुलिस अधीक्षक, सुरक्षा, जयपुर
 मुख्यमंत्री, राज्यपाल और अन्य VVIPs की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी।
- विशनाराम (2016 बैच): पुलिस अधीक्षक-I, CID CB, जयपुर
 गंभीर और जटिल मामलों की जांच करने वाले CID विभाग के प्रमुख।
- पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ (2016 बैच): पुलिस अधीक्षक-II, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB), जयपुर
 भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच की जिम्मेदारी।
- कमल शेखावत (2016 बैच): पुलिस अधीक्षक, सतर्कता, जयपुर
 पुलिस विभाग के अनुशासन और सतर्कता मामलों की देखरेख।
- अवनीश कुमार शर्मा (2016 बैच): कमाण्डेन्ट, 2nd बटालियन, RAC, कोटा
 कानून व्यवस्था बनाए रखने और बटालियन के नेतृत्व की जिम्मेदारी।
कानून व्यवस्था मजबूत बनाने का प्रयास
राजस्थान सरकार ने हाल ही में 2016 बैच के 5 IPS अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया है। ये ताजातरीन पोस्टिंग युवा नेतृत्व पर सरकार के भरोसे को दर्शाती हैं और पुलिस प्रशासन की दक्षता बढ़ाने की कोशिश मानी जा रही है। जयपुर में तीन प्रमुख पदों पर तैनाती से राजधानी में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक नियंत्रण को मजबूत करने का संकेत मिलता है।
वहीं, कोटा में 2nd बटालियन, RAC के कमांडेंट के रूप में तैनाती राज्य के दूसरे बड़े शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का कदम है। पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये बदलाव प्रशासनिक जरूरतों और कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर किए गए हैं, ताकि विभाग की कार्यप्रणाली और प्रभावी हो सके और कानून व्यवस्था पर बेहतर नियंत्रण रखा जा सके।


 
                                    