राजस्थान सरकार में वन मंत्री और नीमकाथाना के प्रभारी मंत्री संजय शर्मा मंगलवार को बिना किसी पूर्व सूचना के नीमकाथाना पहुंचे। उन्होंने यहां चल रहे शहरी सेवा शिविर का अचानक निरीक्षण किया और अधिकारियों की लापरवाही पर जमकर फटकार लगाई। मंत्री के अचानक आगमन से प्रशासन में हड़कंप मच गया। कई अधिकारी और कर्मचारी ऑफिस की कुर्सी पर आराम फरमा रहे थे, लेकिन मंत्री को सामने देख उनकी हालत बिगड़ गई।
प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने मंगलवार को बिना पूर्व सूचना के नीमकाथाना पहुंचकर शहरी सेवा शिविर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि शिविर प्रभारी के रूप में नियुक्त उपखंड अधिकारी (SDM) और तहसीलदार दोनों ही मौके पर अनुपस्थित थे। मंत्री ने मौके पर मौजूद जेईएन (JEN) से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या अब शिविर का प्रभारी वही रहेगा। उन्होंने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) भागीरथ साध को भी फटकार लगाते हुए कहा, “एसडीएम और तहसीलदार नहीं हैं तो आपको यहां बैठना चाहिए था. यह आपकी भी जिम्मेदारी बनती है।
जनता के काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
प्रभारी मंत्री संजय शर्मा ने अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए शहरी सेवा शिविर का उद्देश्य आमजन को सीधे राहत पहुंचाना है, इसलिए जनता के काम में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि “आप लोग ऐसे काम कर रहे हैं कि सभी के कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। शिविर का मतलब यह नहीं कि केवल कागजी कार्रवाई हो, बल्कि पूरी सरकार मिलकर जनता की समस्याओं का समाधान करेगी।” संजय शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों में अधिकारियों की गैर-मौजूदगी बेहद गंभीर मसला है और इसके लिए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।