गहलोत का एफआर पर स्पष्ट बयान
गहलोत का यह बयान तब आया जब उनसे 2020 में सरकार गिराने की कथित साजिश के मामले में कोर्ट द्वारा एफआर (फाइनल रिपोर्ट) मंजूर किए जाने के बारे में पूछा गया। इस पर गहलोत ने साफ कहा, “एफआर देने से कोई क्रिमिनल केस खत्म नहीं हो जाता। कोर्ट ने इसे खारिज नहीं किया है।” उन्होंने यह भी दोहराया कि सिर्फ एफआर मिलने से केस खत्म नहीं होता।
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गहलोत से जब उनके तत्कालीन पीएसओ (पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर) के बेटे का पेपर लीक मामले में सवाल किया गया, तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया। इस दौरान गहलोत ने मानगढ़ धाम राष्ट्रीय स्मारक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, मेरा सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) इतना काबिल था कि एक पीएसओ को भी पेपर खरीदना पड़ा। अगर सीएमओ ढील देता, तो उसे पेपर खरीदने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उसकी नौकरी तो वैसे ही लग जाती। उन्होंने यह भी कहा, मेरे 80 पीएसओ थे, क्या आपने उस पीएसओ को कभी मेरे साथ देखा है? गहलोत ने बताया कि उस पीएसओ के बेटे की नौकरी नहीं लगी, क्योंकि वह मेडिकल टेस्ट में फेल हो गया था और सीएमओ ने उसकी मदद नहीं की।
गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 25 सितंबर के राजस्थान दौरे पर भी बात की। इस दौरान उन्होंने मानगढ़ धाम राष्ट्रीय स्मारक का जिक्र करते हुए कहा, पीएम मोदी को आदिवासियों की आस्था से जुड़े मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहिए। गहलोत ने याद दिलाया कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तब पीएम मोदी मानगढ़ आए थे, लेकिन उस समय इसे राष्ट्रीय स्मारक नहीं बनाया गया।
वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर बात करते हुए गहलोत ने एक सुझाव भी दिया। इस दौरान उन्होंने मानगढ़ धाम राष्ट्रीय स्मारक का भी जिक्र किया। गहलोत ने कहा, भजनलाल शर्मा पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं। मैं चाहता हूं कि वह कामयाब हों। उन्होंने बताया कि उन्होंने भजनलाल शर्मा को कामयाब होने के लिए यह सुझाव दिया कि उनके बयान लैपटॉप पर चलाकर उन्हें सुनाया जाए, ताकि उन्हें सही तरह से समझ आए और वे सफल हो पाएं।
नरेश मीणा को लेकर क्या कहा?
वहीं, नरेश मीणा के 12 दिन से चल रहे अनशन पर गहलोत ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि मीणा 12 दिनों से धरने पर बैठे हैं, तो उन्होंने इसे अपना धर्म समझकर ट्वीट किया। साथ ही उन्होंने सरकार से बातचीत कर धरना समाप्त करवाने की भी मांग की।
वहीं, कपासन में हुई एक दुखद घटना पर गहलोत ने कहा कि बजरी माफियाओं ने एक युवक, सूरज माली, की बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसके पैरों में 25 फ्रैक्चर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में विधायक के परिजनों का कनेक्शन सामने आ रहा है, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। गहलोत ने कहा कि अपराधियों में भय पैदा करने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।