सुप्रीम कोर्ट में आज एसआई भर्ती-2021 मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान एसआई भर्ती पेपर लीक मामले पर भी सुनवाई हो सकती है। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनमोहन की बेंच कैलाशचंद्र शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करेंगी। याचिकाकर्ता ने डिवीजन बेंच के 8 सितंबर के आदेश के खिलाफ यह याचिका दायर की है। इस आदेश में डिवीजन बेंच ने राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ के 28 अगस्त के फैसले पर रोक लगा दी थी, जिसमें भर्ती रद्द की गई थी। वहीं, चयनित अभ्यर्थियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट लगाई है ताकि उन्हें सुने बिना कोई निर्णय न दिया जाए।
एसआई भर्ती-2021 और एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। एसएलपी दायर करने वालों की तरफ से अधिवक्ता ऋषभ संचेती पैरवी करेंगे। याचिका में डिवीजन बेंच के फैसले को चार वजहों से चुनौती दी गई है। ऋषभ संचेती ने बताया कि डिवीजन बेंच ने एसआईटी की रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए हैं, जबकि इसी रिपोर्ट के आधार पर सिंगल बेंच ने फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि याचिकाकर्ता को स्रोत बताने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। रिपोर्ट को तभी खारिज किया जा सकता है, जब इसका फर्जी या कूटरचित होने का सबूत हो।
इसके अलावा, करीब दस महीने पहले जब एकलपीठ ने ट्रेनी एसआई की फील्ड ट्रेनिंग पर रोक लगाई थी, तो एसआई भर्ती पेपर लीक मामले के तहत खंडपीठ ने भी इसे बरकरार रखा था। लेकिन अब डिवीजन बेंच ने फील्ड ट्रेनिंग की छूट दे दी है। एकलपीठ ने आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज कर सुनवाई शुरू की थी, लेकिन डिवीजन बेंच के आदेश से यह रोक भी लग गई। याचिकाकर्ता का तर्क है कि एक खंडपीठ दूसरे खंडपीठ के आदेश पर रोक नहीं लगा सकती।
दरअसल, एसआई भर्ती प्रक्रिया में पेपर लीक के आरोपों पर सुनवाई करते हुए जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने 28 अगस्त को पूरी भर्ती रद्द कर दी थी। इसके खिलाफ चयनित अभ्यर्थियों ने अपील दायर की, जिस पर जस्टिस एसपी शर्मा की डिवीजन बेंच ने 8 सितंबर को एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इस दौरान एसआई भर्ती पेपर लीक मामले को भी बीच में शामिल किया गया है। अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
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