अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह में चोरी और हिंसा की घटनाएं बढ़ने के बाद अदालत ने बड़ा कदम उठाया है। सिविल न्यायाधीश और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (अजमेर पश्चिम) मनमोहन चंदेल ने दरगाह समिति को अपने खर्चे पर परिसर के हर संभव हिस्से में CCTV कैमरे लगाने का आदेश दिया है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर अदालत सख्त
अदालत ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज़ दरगाह पर रोज़ लाखों श्रद्धालु आते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए मजबूत निगरानी व्यवस्था जरूरी है। अदालत ने यह भी चेतावनी दी कि इस आदेश का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
CCTV से अपराध पर लगेगी रोक
दरगाह परिसर में हर साल चोरी, तोड़फोड़ और मारपीट की शिकायतें आती हैं, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सबूत न होने से जांच और कार्रवाई मुश्किल हो जाती है। अदालत ने कहा कि कैमरे लगने से अपराध पर रोक लगेगी और विवादों में पक्के सबूत मिलेंगे। साथ ही, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को दरगाह समिति को पूरा सहयोग देने और कैमरे का विरोध करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरगाह गुंबद में भी लगेंगे CCTV कैमरे
2007 से अब तक दरगाह परिसर में 57 CCTV कैमरे लगाए गए हैं, जो करीब 75% क्षेत्र को कवर करते हैं। लेकिन मुख्य दरगाह (गुंबद) के अंदर, जिसे सबसे संवेदनशील माना जाता है, अभी कैमरे नहीं लगे हैं। सुरक्षा कारणों से यह सबसे अहम इलाका है, लेकिन आपत्तियों के चलते काम अधूरा रह गया। अदालत ने आदेश दिया है कि पांच दिन के भीतर काम में तेजी लाकर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दी जाए। वहीं, केंद्र सरकार भी 814वें उर्स से पहले खास सुरक्षा इंतजाम लागू करने की तैयारी कर रही है, ताकि श्रद्धालु निडर होकर दरगाह आ सकें।
यह भी पढ़ें: भरतपुर सांसद का गुस्सा फूटा, मोबाइल चलाते CHMO को मीटिंग से बाहर जाने का आदेश


