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Tuesday, October 7, 2025

उदयपुर औरंगजेब विवाद: विवादित बयान के बाद छुट्टी पर गईं VC सुनीता मिश्रा, जानिए अब कौन संभालेगा MLSU की कमान

Newsउदयपुर औरंगजेब विवाद: विवादित बयान के बाद छुट्टी पर गईं VC सुनीता मिश्रा, जानिए अब कौन संभालेगा MLSU की कमान

Udaipur Aurangzeb Controversy: उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (MLSU) की कुलगुरू प्रो. सुनीता मिश्रा के एक विवादित बयान के बाद उपजे तनावपूर्ण हालात के बीच बड़ा प्रशासनिक बदलाव सामने आया है। प्रो. मिश्रा को 30 दिन की छुट्टी पर भेज दिया गया है और इसकी आधिकारिक स्वीकृति राज्यपाल की ओर से दी गई है।

इस बीच, उनके स्थान पर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलगुरू प्रो. अजीत कुमार कर्नाटका को एमएलएसयू के कुलगुरू का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राज्यपाल की ओर से इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

क्या है पूरा मामला 

पूरा मामला 12 सितंबर को गुरुनानक कॉलेज में आयोजित एक सेमिनार के दौरान शुरू हुआ, जब कुलगुरू प्रो. सुनीता मिश्रा ने मुगल शासक औरंगजेब को ‘कुशल प्रशासक’ बता दिया। उनके इस बयान के बाद पूरे मेवाड़ क्षेत्र में आक्रोश फैल गया।

छात्र संगठनों, ABVP और करणी सेना ने इस बयान का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय में प्रदर्शन शुरू कर दिए। नाराज़ संगठनों ने प्रो. मिश्रा को कुलगुरू पद से हटाने और मेवाड़ छोड़ने की मांग की। विवाद गहराने पर प्रो. मिश्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से माफी जारी की और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। लेकिन माफी के बावजूद विरोध शांत नहीं हुआ।

एबीवीपी ने राजस्थान बंद की चेतावनी दी, जबकि करणी सेना ने मेवाड़ छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया। बढ़ते दबाव और सुरक्षा कारणों के चलते अब प्रो. मिश्रा को छुट्टी पर भेज दिया गया है और विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी फिलहाल प्रो. अजीत कुमार कर्नाटका को सौंपी गई है।

1. प्रो. सुनीता मिश्रा विवाद में क्यों आईं?

12 सितंबर को एक सेमिनार के दौरान प्रो. सुनीता मिश्रा ने मुगल शासक औरंगजेब को ‘कुशल प्रशासक’ कहा था। इस बयान को लेकर मेवाड़ क्षेत्र में आक्रोश फैल गया और विभिन्न संगठनों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए।

2. प्रो. मिश्रा के बयान के बाद कौन-कौन से संगठन विरोध में उतरे?

मुख्य रूप से ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) और करणी सेना जैसे छात्र व सामाजिक संगठनों ने विरोध किया। इन्होंने प्रो. मिश्रा को कुलगुरू पद से हटाने और मेवाड़ छोड़ने की मांग की।

3. क्या प्रो. सुनीता मिश्रा ने माफी मांगी थी?

हाँ, उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए माफी मांगी और स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। हालांकि, माफी के बाद भी विरोध शांत नहीं हुआ।

4. प्रो. मिश्रा की जगह अब विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी किसे दी गई है?

राज्यपाल द्वारा जारी आदेश के अनुसार, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अजीत कुमार कर्नाटका को एमएलएसयू का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

5. क्या प्रो. मिश्रा को हटाया गया है या छुट्टी पर भेजा गया है?

प्रो. सुनीता मिश्रा को 30 दिन की छुट्टी पर भेजा गया है, जिसे राज्यपाल ने मंजूरी दी है। यह कदम बढ़ते तनाव और सुरक्षा कारणों को देखते हुए उठाया गया है। उन्हें पद से हटाया नहीं गया है, बल्कि फिलहाल अवकाश पर भेजा गया है।

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