अजमेर में ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि पैगंबर से मोहब्बत जताना असंवैधानिक या देशद्रोह कैसे हो सकता है। उन्होंने सरकार की कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि जब हिंदू समाज भगवान श्रीराम से मोहब्बत जताता है, तो क्या वे बैनर लगाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेते हैं
सरवर चिश्ती ने बैनर मामले में सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप
अजमेर के ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के सचिव सरवर चिश्ती ने सरकार पर उर्दू भाषा के प्रति भेदभाव का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उर्दू भारत की जन्मी भाषा है और इसे निशाना बनाना मुसलमानों और इस्लाम के खिलाफ है।
चिश्ती ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई ने मुसलमानों की पैगंबर से मोहब्बत और एकता दिखा दी। उन्होंने FIR को बिना वजह दर्ज की गई कार्रवाई बताया।
आई लव मोहम्मद’ बैनर मामला कई राज्यों में पहुंचा
आई लव मोहम्मद’ बैनर का विवाद बारावफात के मौके पर कानपुर से शुरू हुआ और अब कई राज्यों में फैल चुका है। कानपुर पुलिस ने बैनर लगाने को लेकर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ FIR दर्ज की थी। मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया और कहा कि पैगंबर मोहम्मद से मोहब्बत जताना गैरकानूनी नहीं है।
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