राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी से निलंबित छह नेताओं की सदस्यता बहाल कर दी है। जिन नेताओं की वापसी हुई है, उनमें मेवाराम जैन (बाड़मेर), बालेंदु सिंह शेखावत (सीकर), संदीप शर्मा (चित्तौड़गढ़), बलराम यादव (सीकर), अरविंद डामोर (बांसवाड़ा) और तेजपाल मिर्धा (नागौर) शामिल हैं। यह फैसला अनुशासन समिति की समीक्षा, प्रदेश प्रभारी की स्वीकृति और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से प्रेस विज्ञप्ति के ज़रिए घोषित किया गया है। आदेश के मुताबिक, इन नेताओं की निलंबन वापसी तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
क्यों किया गया था इन नेताओं को निलंबित?
- मेवाराम जैन को सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो क्लिप्स वायरल होने और अनुशासन उल्लंघन के आरोपों के चलते निलंबित किया गया था।
- बालेंदु सिंह शेखावत पर लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगा था।
- संदीप शर्मा को एक महिला से संबंधों को लेकर अनैतिक आचरण के आरोप में निलंबित किया गया था।
- अरविंद डामोर को डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर नामांकन विवाद और पार्टी निर्देशों की अवहेलना के लिए निष्कासित किया गया था।
- तेजपाल मिर्धा पर गठबंधन और चुनावी रणनीति को लेकर पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता के आरोप थे।
- बलराम यादव पर भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई की गई थी।
मेवाराम जैन की वापसी पर सियासी हलचल
मेवाराम जैन की कांग्रेस में वापसी की तस्वीरें फैसले से पहले ही वायरल हो गई थीं। इन तस्वीरों में वे प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ दिखाई दे रहे हैं और उनके हाथ में कांग्रेस की पुनः सदस्यता का पत्र भी नजर आ रहा है। हालांकि, बाड़मेर जिले के कई कांग्रेस नेता मेवाराम जैन की वापसी से नाराज़ हैं। सूत्रों के अनुसार, विरोध में कई नेता 25 सितंबर को सुबह से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं, और शीर्ष नेतृत्व से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
- कांग्रेस में किन नेताओं की वापसी हुई है?
कांग्रेस ने 6 निलंबित नेताओं की सदस्यता बहाल की है:
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मेवाराम जैन (बाड़मेर)
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बालेंदु सिंह शेखावत (सीकर)
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संदीप शर्मा (चित्तौड़गढ़)
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बलराम यादव (सीकर)
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अरविंद डामोर (बांसवाड़ा)
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तेजपाल मिर्धा (नागौर)
2. किस आधार पर इन नेताओं का निलंबन खत्म किया गया?
अनुशासन समिति की समीक्षा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मंजूरी और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की सिफारिश पर इन नेताओं की वापसी का निर्णय लिया गया।
3. क्या मेवाराम जैन की वापसी की खबर पहले ही लीक हो गई थी?
जी हाँ, उनकी ज्वॉइनिंग की तस्वीरें फैसले से पहले सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं, जिसमें वे सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ दिख रहे हैं।
4. क्या मेवाराम जैन की वापसी से कांग्रेस में मतभेद है?
हाँ, बाड़मेर के कई कांग्रेस नेता उनकी वापसी से नाखुश हैं और उन्होंने दिल्ली जाकर शीर्ष नेतृत्व से इस पर आपत्ति दर्ज कराई है।
5. क्या इन नेताओं की वापसी का कांग्रेस के आगामी रणनीतिक समीकरणों पर असर पड़ेगा?
संभव है कि कुछ जिलों में पार्टी के भीतर असंतोष बढ़े, खासकर जहां इन नेताओं का विरोध पहले से मौजूद है। हालांकि, पार्टी ने चुनावी गणित और राजनीतिक मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।