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Wednesday, October 8, 2025

मूंग की फसल तैयार, लेकिन दाम ने रुलाया किसान को! MSP से कम पर बेचने को मजबूर

Newsमूंग की फसल तैयार, लेकिन दाम ने रुलाया किसान को! MSP से कम पर बेचने को मजबूर

प्रदेश में मूंग की फसल पककर तैयार हो गई है, लेकिन हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में व्यापारियों द्वारा औने-पौने दाम पर खरीद का विरोध हो रहा है। भारतीय किसान सभा ने सरकार से तत्काल एमएसपी पर मूंग की खरीद शुरू करने की मांग की है। किसान सभा का आरोप है कि श्रीगंगानगर की धानमंडी में सितंबर में हजारों क्विंटल मूंग व्यापारियों ने घोषित एमएसपी से लगभग एक तिहाई कम दाम पर खरीदी।

किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस सीजन के लिए मूंग का एमएसपी 8768 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। लेकिन सरकारी खरीद शुरू न होने के कारण व्यापारियों ने किसानों को केवल 5881 रुपए प्रति क्विंटल पर बेचने को मजबूर किया। इससे किसानों को प्रति क्विंटल लगभग 3000 रुपए का घाटा हुआ। किसान सभा के अनुसार अकेले श्रीगंगानगर की धानमंडी में 5 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है।

मूंग किसानों को लागत भी नहीं मिल रही, सरकारी खरीद नहीं शुरू

भारतीय किसान सभा के सचिव संजय माधव ने कहा कि राजस्थान में उचित मूल्य पर खरीद शुरू न होने के कारण मूंग उत्पादक किसान औने-पौने दाम पर फसल बेचने को मजबूर हैं। श्रीगंगानगर की धान मंडी में अब तक 19,901 क्विंटल मूंग की फसल आ चुकी है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने अभी तक सरकारी खरीद में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

भारतीय किसान सभा के संजय माधव ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर परेशान हैं। दिल्ली में 13 महीनों तक देशभर के किसानों ने आंदोलन किया, लेकिन अब तक उन्हें उपज का सही मूल्य नहीं मिल पाया। कुछ फसलों में समय पर एमएसपी की घोषणा नहीं होती, तो कहीं समय पर सरकारी खरीद शुरू नहीं होती। किसान सभा ने सरकार से मांग की है कि भविष्य में किसी फसल के बाजार में आने से पहले ही एमएसपी घोषित की जाए, ताकि किसानों को सही लाभ मिल सके।

purchasing at minimum support price

बाजरा-मूंग एमएसपी में नाममात्र वृद्धि, किसानों में नाराजगी

प्रदेश बाजरा उत्पादन में पहले और मूंग दूसरे नंबर पर आता है, जबकि मूंगफली का उत्पादन सीमित है। किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि बाजरा और मूंग की एमएसपी में नाममात्र वृद्धि किसानों के लिए राहत नहीं है। उनका कहना है कि उत्पादन के हिसाब से बाजरा पहले, मूंग दूसरे, ग्वार तीसरे, चवला चौथे और कपास पांचवें नंबर पर हैं, इसलिए बाजरा और मूंग की कीमतों में पर्याप्त बढ़ोतरी होनी चाहिए थी।

झुंझुनू में सहकारी समितियों से एमएसपी पर खरीद शुरू

झुंझुनू जिले में 20 सहकारी समितियों में मूंग, मूंगफली और बाजरे की समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू होगी। सात क्रय-विक्रय और अन्य ग्राम सेवा सहकारी समितियों में अनाज खरीदा जाएगा। किसान धन्नाराम बाजिया ने कहा कि एमएसपी पर खरीद का ऐलान हुआ है, लेकिन किसानों की लागत और मेहनत के हिसाब से कीमत और बढ़नी चाहिए थी। किसान विकास महला ने बताया कि अतिवृष्टि से फसल कम हुई है। सहकारी समितियों के नोडल अधिकारी अशोक पूनिया ने कहा कि पिछली बार की तुलना में बाजरे में 150, मूंग में 86 और मूंगफली में 480 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाकर खरीद की जाएगी।

राजस्थान में एमएसपी पर खरीद की तैयारी पूरी, रजिस्ट्रेशन कल से

सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद राजस्थान में समर्थन मूल्य पर खरीद की तैयारी पूरी कर ली गई है। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में कल से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होगी। मंत्री ने बताया कि अगले सप्ताह तक मूंगफली का पंजीयन भी शुरू किया जाएगा और सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी सही मूल्य दिलाने का वादा किया गया है।

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