भीलवाड़ा जिले के बिजोलिया क्षेत्र में मंगलवार शाम एक दर्दनाक घटना हुई। यहां एक महिला ने अपने 20 दिन के मासूम बच्चे के मुंह में पत्थर डालकर और फेविक्विक से बंद करके जंगल में छोड़ दिया। यह घटना सीता माता कुंड मंदिर के पास हुई। जंगल में पशु चराने वाले व्यक्ति ने बच्चे को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बच्चे को सुरक्षित ले लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।
मासूम की हालत में सुधार
सूचना मिलते ही मांडलगढ़ पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और मासूम को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया। अस्पताल के पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि बच्चे की हालत में सुधार हो रहा है और डॉक्टर उसकी लगातार निगरानी कर रहे हैं। मासूम की स्थिति अब स्थिर की ओर है, लेकिन उसे विशेष देखभाल की जरूरत अभी भी बनी हुई है।
मां-पिता हिरासत में लिए गए
भीलवाड़ा पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए शुक्रवार को मासूम की मां और उसके नाना को हिरासत में लिया। एसपी धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मांडलगढ़ पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और आसपास के अस्पतालों में पिछले 20 दिनों में हुई डिलीवरी की जानकारी जुटाई। पूछताछ में चित्तौड़गढ़ जिले के भैसरोडगढ़ थाना क्षेत्र की 22 वर्षीय युवती और उसके पिता ने माना कि उन्होंने अवैध संतान छिपाने के लिए बच्चे को जंगल में छोड़ दिया।
पुलिस कर रही गहन जांच
पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। मासूम की मां और नाना की पहचान पक्की करने के लिए डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा। पुलिस ने अज्ञात मां के खिलाफ धारा 93 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है और आगे की कार्रवाई जारी है।