जयपुर। राजस्थान के विधि विभाग ने तीन महत्वपूर्ण विधेयकों की अधिसूचना जारी कर दी है। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े द्वारा इन विधेयकों को मंजूरी मिलने के बाद अब ये कानून पूरे प्रदेश में लागू हो गए हैं। इनमें कोचिंग सेंटर नियंत्रण विधेयक, मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक और राजस्थान आयु विज्ञान संस्थान विधेयक शामिल हैं, जो शिक्षा, मत्स्य और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों में बड़े बदलाव लाएंगे।
कोचिंग सेंटर नियंत्रण विधेयक प्रदेश के लाखों छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। अब 100 या उससे अधिक विद्यार्थियों वाले सभी कोचिंग सेंटरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इस कानून का उद्देश्य कोचिंग सेंटरों पर लगाम लगाना और छात्रों के हितों की रक्षा करना है।
नियम तोड़ने पर ₹50 हजार से ₹2 लाख तक जुर्माना
इसके तहत नियम तोड़ने पर पहली बार ₹50,000 और दूसरी बार ₹2 लाख तक का जुर्माना लगेगा, साथ ही लगातार उल्लंघन पर सरकार को रजिस्ट्रेशन रद्द करने का अधिकार होगा। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सभी संस्थानों में मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता और तनाव प्रबंधन सत्र अनिवार्य किए गए हैं। इसके अलावा छात्रों के परिजनों से संवाद और मनमानी फीस पर रोक के प्रावधान भी किए गए हैं।
बिना अनुमति मछली पकड़ना अब अपराध
वहीं, मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक के जरिए अब नदियों, तालाबों और बांधों में बिना अनुमति मछली पकड़ना अपराध माना जाएगा। पहली बार अपराध करने पर 3 माह की कैद और ₹25,000 का जुर्माना तथा दूसरी बार अपराध पर 6 माह की कैद और ₹50,000 का जुर्माना तय किया गया है। यह कानून जल संसाधनों की रक्षा के साथ-साथ मत्स्य उद्योग को संगठित करने में सहायक होगा।
राजस्थान आयु विज्ञान संस्थान विधेयक
राजस्थान आयु विज्ञान संस्थान विधेयक के माध्यम से प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा, शोध और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को मजबूती दी जाएगी। इस विधेयक के तहत एक समर्पित संस्थान की स्थापना होगी, जिससे मेडिकल छात्रों को उच्च शिक्षा और अनुसंधान के बेहतर अवसर मिलेंगे और आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
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