चित्तौड़गढ़ के कपासन कस्बे में सूरज माली पर हुए हमले को लेकर 13 दिन से चल रहा धरना आखिरकार प्रशासन से सहमति बनने के बाद समाप्त कर दिया गया। इस पूरे आंदोलन में नागौर सांसद व आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने सक्रिय भूमिका निभाई और प्रशासन से लंबी वार्ता के बाद मांगों पर सहमति बनी।
हालात हुए थे तनावपूर्ण, बेनीवाल ने दिया था अल्टीमेटम
धरना समाप्त होने से पहले हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे। रविवार (28 सितंबर) की देर शाम हनुमान बेनीवाल धरनास्थल पर पहुंचे और प्रशासन को 20 मिनट का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलनकारी चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय की ओर कूच करेंगे। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए प्रशासन अलर्ट पर आ गया और 500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ-साथ उदयपुर, राजसमंद और भीलवाड़ा से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया था।
तीन आरोपी गिरफ्तार
धोबी खेड़ा गांव निवासी 20 वर्षीय सूरज माली ने कुछ समय से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर स्थानीय विधायक अर्जुनलाल जीनगर को संबोधित करते हुए वीडियो डाले थे, जिनमें वह कपासन तालाब में मातृकुंडिया बांध का पानी लाने के चुनावी वादे की याद दिला रहा था।
इसी के कुछ दिन बाद, 15 सितंबर की शाम, जब सूरज अपने दोस्त के साथ काम से लौट रहा था, तो कुछ नकाबपोश हमलावरों ने उस पर लोहे की रॉड और पाइपों से हमला कर दिया। हमले के चार दिन बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया, लेकिन क्षेत्र में जनाक्रोश बना रहा, जिसके चलते यह धरना शुरू हुआ।
ये बनीं मुख्य सहमति की शर्तें
- मामले की जांच एसओजी (विशेष अभियान समूह) से करवाई जाएगी
- पीड़ित को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी
- संविदा पर सरकारी नौकरी दी जाएगी
- सब्जी मंडी में दुकान का आवंटन किया जाएगा
- इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी
इस सहमति की घोषणा अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रभा गौतम और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह ने धरनास्थल पर की, जहां उन्होंने उपस्थित लोगों को प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
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