जोधपुर। साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जोधपुर पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी करने वाली शातिर गैंग का भंडाफोड़ किया है। गैंग के 9 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जो शहर की आशापूर्णा सोसाइटी में किराए पर बंगला लेकर अवैध गतिविधियां चला रहे थे।
रोजाना करते थे 20-25 लाख रुपये की ठगी
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी हर दिन औसतन 20 से 25 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी को अंजाम दे रहे थे। ये सभी युवक रेड्डी अन्ना नामक ऐप के जरिये लोगों को गेमिंग और सट्टे के झांसे में फंसा कर लूटते थे।
आईटी एक्सपर्ट्स की मदद से खुली पोल
इस ऑपरेशन को पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश के निर्देशन में और डीसीपी विनीत बंसल की निगरानी में अंजाम दिया गया। आईटी विशेषज्ञों की मदद से पूरे रैकेट पर नजर रखी गई और फिर दबिश दी गई।
ठगी का तरीका क्या था?
आरोपी सबसे पहले लोगों को गेम के जरिये जीतने का लालच देकर सट्टे में फंसाते थे। शुरुआत में कुछ राशि जीतने भी देते थे, जिससे शिकार का भरोसा जीता जा सके। जैसे ही कोई बड़ी रकम जीतता, उसकी ID ब्लॉक कर दी जाती या ऐप अनइंस्टॉल करवा दिया जाता। जीत की राशि के रिफंड या रिजेक्शन के नाम पर भी पैसे ऐंठे जाते थे।
क्या-क्या बरामद हुआ?
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से 5 लैपटॉप, 13 डेबिट कार्ड, 31 मोबाइल फोन सहित कई फर्जी सिम कार्ड और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं।
बिहार-महाराष्ट्र से हैं आरोपी
गिरफ्तार युवकों में 1 बिहार और 8 महाराष्ट्र के निवासी हैं। ये सभी बीते दो महीने से लगातार इस अवैध कारोबार में सक्रिय थे।
जोधपुर पुलिस की अपील
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा जैसी गतिविधियों से दूर रहें। किसी भी तरह की संदिग्ध जानकारी या ठगी की सूचना तुरंत पुलिस को दें। लोभ और लालच में न आएं, ऑनलाइन दुनिया में ठगी के तरीके बेहद खतरनाक होते जा रहे हैं।