राजस्थान यूनिवर्सिटी में मंगलवार को माहौल गर्म हो गया, जब NSUI कार्यकर्ताओं ने RSS के शस्त्र पूजन कार्यक्रम का विरोध किया। विश्वविद्यालय के विधि कॉलेज ग्राउंड में आयोजित इस कार्यक्रम को लेकर NSUI ने कड़ा ऐतराज जताया। उनका कहना था कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने NSUI कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया, जिसमें कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं। NSUI कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने बल का प्रयोग किया। घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली SMS ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और घायल छात्रों से मुलाकात की।
गहलोत ने कहा शस्त्र पूजा गलत
गहलोत ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि विश्वविद्यालय में RSS का शस्त्र पूजा कार्यक्रम ही गलत था। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्थान को इस तरह की राजनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करना उचित नहीं है। जब NSUI कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने बल प्रयोग किया।
RSS के कार्यकर्ताओं ने कानून को अपने हाथ में लेकर NSUI कार्यकर्ताओं से मारपीट की। इस घटनाक्रम से लगता है कि राजस्थान में कानून का राज खतरे में है और RSS ही एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी बन गई है। बड़े शर्म की बात यह है कि यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई और पुलिस इसे रोकने में असफल रही। अगर पुलिस इसी तरह दबाव में रहेगी, तो कानून व्यवस्था कैसे संभालेगी, यह बड़ा सवाल है।
सचिन पायलट ने किया निंदा
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान को राजनीति का केंद्र बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका कहना था कि शिक्षा के मंदिर का राजनीतिकरण करने के लिए RSS ने राजस्थान विश्वविद्यालय में शस्त्र पूजा का कार्यक्रम रखा, जो अनुचित था।
इस कार्यक्रम की अनुमति के विरोध में NSUI कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया, जिससे विद्यार्थियों की भावनाएं आहत हुईं और लोकतंत्र में आवाज दबाने का प्रयास नजर आया। इसके अलावा, पुलिस की मौजूदगी में RSS के कार्यकर्ताओं ने भी NSUI कार्यकर्ताओं से मारपीट की, जो दर्शाता है कि प्रदेश में कानून का इकबाल खतरे में है।
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