26.1 C
Jaipur
Tuesday, October 7, 2025

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र को नोटिस; पत्नी से जल्द मुलाकात संभव

Newsसोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र को नोटिस; पत्नी से जल्द मुलाकात संभव

जयपुर। जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस वांगचुक की पत्नी गीतांजलि वांगचुक द्वारा दाखिल हैबियस कॉर्पस याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया गया। याचिका में वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग की गई है।

“गांधीवादी आंदोलन को बदनाम करने की साजिश”

याचिका में गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि वांगचुक की गिरफ्तारी का उद्देश्य लोकतांत्रिक असहमति और शांतिपूर्ण पर्यावरण आंदोलन को दबाना है। इसमें कहा गया है कि “सोनम वांगचुक और उनके सहयोगियों के खिलाफ झूठा और खतरनाक नैरेटिव फैलाया जा रहा है, जिससे उन्हें पाकिस्तान और चीन से जोड़कर बदनाम किया जा सके।”

क्या लोगों के हक की बात करना गुनाह है?' NSA के तहत गिरफ्तार सोनम वांगचुक की पत्नी ने राष्ट्रपति, पीएम से की मार्मिक अपील | Moneycontrol Hindi

संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन

गीतांजलि ने कहा कि अब तक ना तो उन्हें और ना ही सोनम वांगचुक को गिरफ्तारी का आदेश या उसका कोई आधार बताया गया है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22(5) का स्पष्ट उल्लंघन है।

पत्नी बोलीं – “डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी भी नहीं दी गई”

गीतांजलि ने अदालत को बताया कि यह गिरफ्तारी गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने कहा: “वांगचुक हमेशा राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए काम करते रहे हैं। उन्होंने भारतीय सेना की मदद के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्रों में नवाचार तकनीकें, जैसे ऊर्जा-संवहनीय शेल्टर्स विकसित किए हैं।” उनका आरोप है कि डिटेंशन ऑर्डर की कॉपी तक नहीं दी गई, जो कानूनी अधिकारों का उल्लंघन है।

Sonam Wangchuk wife claims he has not received a copy of his arrest order yet अभी तक नहीं मिली है सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी ऑर्डर की कॉपी; पत्नी का दावा, India News

सुप्रीम कोर्ट में रखी गईं 8 मुख्य मांगें:

  1. हैबियस कॉर्पस जारी कर वांगचुक को सुप्रीम कोर्ट के सामने तत्काल पेश किया जाए।
  2. पत्नी को फोन पर बात करने और व्यक्तिगत रूप से मिलने की अनुमति दी जाए।
  3. वांगचुक को उनकी दवाएं, भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक वस्तुएं तुरंत उपलब्ध कराई जाएं।
  4. गिरफ्तारी आदेश और सभी संबंधित दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएं।
  5. गिरफ्तारी को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित किया जाए।
  6. तत्काल रिहाई का आदेश जारी किया जाए।
  7. वांगचुक की मेडिकल जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जाए।
  8. हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) और उससे जुड़े छात्रों एवं सदस्यों के उत्पीड़न पर रोक लगाई जाए।

अगली सुनवाई सोमवार को

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि अगली सुनवाई अगले सोमवार को की जाएगी। तब तक केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

नदी तल पर अनधिकृत निर्माण के खिलाफ याचिका पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस | इंडिया न्यूज़ - बिजनेस स्टैंडर्ड

क्या है मामला?

सोनम वांगचुक लद्दाख आंदोलन का लंबे समय से प्रमुख चेहरा हैं। यह आंदोलन केंद्र सरकार से मांग कर रहा है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए और उसे संविधान की छठी अनुसूची के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्र के रूप में विशेष संरक्षण प्रदान किया जाए। हाल ही में यह आंदोलन और अधिक सक्रिय और व्यापक हुआ, जिससे प्रशासन और केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ गईं।

गंभीर आरोप लगाए गए

  • पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से संपर्क रखने का आरोप
  • विदेशों से अवैध रूप से चंदा (फंडिंग) लेने का आरोप

  • विदेशी शक्तियों के इशारे पर काम करने का संदेह

हालांकि, इन आरोपों के पक्ष में कोई स्पष्ट दस्तावेज़ या ठोस प्रमाण अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

हिरासत और जेल भेजे जाने की प्रक्रिया

सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया और बिना गिरफ्तारी आदेश की स्पष्ट जानकारी दिए उन्हें राजस्थान स्थित जोधपुर सेंट्रल जेल में भेजा गया। उनके परिजनों का आरोप है कि यह कार्रवाई गैरकानूनी और संविधान के अनुच्छेद 22(5) का उल्लंघन है।

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles