जोधपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने पचपदरा रिफाइनरी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना लगभग अंतिम रूप दे दी है। मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने ‘अमृत संवाद’ कार्यक्रम में यह जानकारी दी कि अधिकांश तकनीकी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और प्रस्ताव संबंधित कंपनी को भेजा जा चुका है।
सुरक्षा एवं आधुनिकरण
त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के लगभग 5,500 किमी नेटवर्क को एंटी-कोलिजन ‘कवच’ सिस्टम से लैस करने का प्रयास किया जा रहा है। इस काम की शुरुआत जोधपुर–जयपुर मार्ग से हुई है, और जल्द ही बीकानेर और अजमेर मंडलों में भी इसे लागू किया जाएगा।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि नागौर जिले में भारत का पहला हाई-स्पीड रेलवे परीक्षण ट्रैक बन रहा है। यह 64 किलोमीटर लंबा ट्रैक हाई-स्पीड, सेमी हाई-स्पीड और मेट्रो ट्रेनों की गति व स्थिरता की जांच हेतु तैयार किया जा रहा है।
नागरिक संवाद और सुधार
‘अमृत संवाद’ कार्यक्रम के माध्यम से रेल प्रशासन और आम जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का प्रयास किया गया। यात्रियों की शिकायतों, सुझावों एवं अपेक्षाओं को अधिकारियों तक पहुंचाने का यह एक मंच है। कार्यक्रम में इंजीनियरिंग, ऑपरेटिंग, सिग्नल और मैकेनिकल विभागों के कर्मचारियों के लिए सुरक्षा सेमिनार भी आयोजित किया गया। इसमें कार्यस्थल सुरक्षा मानकों, सतर्कता बनाए रखने और सुरक्षा व्यवहार अपनाने पर जोर दिया गया।
प्रस्तावों को शीघ्र पूर्ण करने का आश्वासन
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने स्टेशन पुनर्विकास, यात्री सुविधाओं में सुधार, स्वच्छता, और नए रेल कनेक्शनों की मांग रखी। मंडल रेल प्रबंधक ने इन सुझावों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम का संचालन राजकुमार जोशी ने किया। इस अवसर पर क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता, रेलवे अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे।
योजना की मुख्य बातें
-
रेलवे की ओर से साइडिंग / कनेक्शन की आवश्यकता होने पर सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
-
रिफाइनरी से जुड़े पावर टर्मिनल के पट्टे, किराए और अन्य दायित्वों को लेकर बातचीत पहले से चल रही है।
-
यह प्रोजेक्ट न केवल रेलवे के लिए राजस्व वृद्धि का माध्यम बनेगा, बल्कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा।