Anta Assembly By-Election: जयपुर। चुनाव आयोग ने राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव और बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। अंता उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर 2025 को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को घोषित की जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे, जिनमें 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों राज्यों में मतदाता सूची एसआईआर के तहत अपडेट कर दी गई है। जिन मतदाताओं के नाम सूची में छूट गए हैं, वे नामांकन से 10 दिन पहले तक अपनी नामांकन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। नए मतदाताओं को वोटर कार्ड भी जारी किए जाएंगे।
अंता में उपचुनाव क्यों?
अंता विधानसभा सीट बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई है। कंवरलाल मीणा पर 2005 में उपसरपंच चुनाव के दौरान एसडीएम पर पिस्तौल तानने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा था। सुप्रीम कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद उन्होंने मनोहर थाना कोर्ट में सरेंडर किया, जिसके बाद उनकी सदस्यता 1 मई 2025 को रद्द कर दी गई।
राजनीतिक रणनीतियां और दावेदार
अंता उपचुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 2023 के विधानसभा चुनाव में कंवरलाल मीणा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को भारी वोटों से हराया था। कंवरलाल, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं। बीजेपी इस सीट को जीतकर सरकार के नरेटिव को मजबूत करना चाहती है। पार्टी कंवरलाल की पत्नी भगवती मीणा को सहानुभूति कार्ड या पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को टिकट दे सकती है। प्रभुलाल सैनी ‘माली’ समाज से आते हैं, जिसका इस क्षेत्र में बड़ा वोट बैंक है। स्थानीय नेता आनंद गर्ग भी टिकट की दौड़ में हैं।
कांग्रेस की तरफ से प्रमोद जैन भाया इस सीट के मजबूत दावेदार हैं। उन्होंने 2003, 2008 और 2018 में यह सीट जीती और दो बार मंत्री रहे। हालांकि उनके खिलाफ भजनलाल शर्मा सरकार में दर्ज मुकदमों के कारण उनकी पत्नी उर्मिला जैन भाया को टिकट देने की चर्चा है। कांग्रेस महिला वोटरों और सहानुभूति वोट के लिए उर्मिला को मौका दे सकती है। इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नरेश मीणा भी मैदान में उतर सकते हैं।
अंता सीट का सियासी इतिहास
अंता विधानसभा सीट पिछले दो दशकों में राजस्थान की राजनीति में अहम भूमिका निभाती रही है। बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर बारी-बारी से कब्जा किया है। 2008 और 2018 में प्रमोद जैन भाया ने जीत हासिल की, जबकि 2013 में प्रभुलाल सैनी और 2023 में कंवरलाल मीणा ने बीजेपी का झंडा बुलंद किया। स्थानीय कार्यकर्ता लंबे समय से स्थानीय उम्मीदवार की मांग करते आ रहे हैं।
बिहार चुनाव: आंकड़े और खास बातें
बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और लगभग 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 14,000 से अधिक 100 वर्ष से ऊपर के हैं। इस बार लगभग 14 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। मतदान केंद्रों पर मोबाइल ले जाने की अनुमति दी गई है। जो मतदाता मतदान केंद्र नहीं पहुंच सकते, वे फॉर्म 12डी भरकर घर पर वोट डाल सकेंगे। चुनाव प्रक्रिया कुल 40 दिनों में पूरी कर ली जाएगी और 22 नवंबर 2025 तक समाप्त हो जाएगी।