SMS Hospital Fire Tragedy: जयपुर। राजधानी के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर रूम में लगी भीषण आग ने 8 जिंदगियों को लील लिया, जिनमें 3 महिलाएं भी शामिल थीं। इस दर्दनाक घटना से पूरे शहर में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि जांच जारी है।
स्टोर में रखा था उपकरण और सैंपल ट्यूब
हादसे के वक्त ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में कुल 24 मरीज भर्ती थे — 11 उसी वार्ड में, जहां आग लगी और बाकी पास के दूसरे आईसीयू में। स्टोर में पेपर, आईसीयू उपकरण और ब्लड सैंपल ट्यूब रखे थे, जिससे आग तेजी से फैली। वरिष्ठ डॉक्टरों ने आशंका जताई कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। आग पर काबू पाने में दमकलकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
मृतकों के शव सौंपे गए परिजनों को
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी मृतकों के शवों का पोस्टमॉर्टम करवा कर उन्हें परिजनों को सौंप दिया। इस दौरान अस्पताल परिसर में भारी संख्या में परिजन और स्थानीय लोग जमा हो गए थे।
हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित
सरकार ने हादसे की जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन किया है। एफएसएल की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर घटना के 18 घंटे बाद अस्पताल पहुंचे और मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि जांच निष्पक्ष होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ नेताओं का दौरा और समीक्षा बैठक
इससे पहले उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। दोनों ने जिला कलेक्टर और अस्पताल प्रशासन के साथ बैठक कर राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
परिजनों की मांग और प्रशासन से सहमति
हादसे के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया और प्रत्येक मृतक के परिजन को 50 लाख रुपये मुआवजा एवं सरकारी नौकरी की मांग की। करीब 7 घंटे तक प्रशासन और परिजनों के बीच वार्ता चली, जिसके बाद गृह राज्य मंत्री बेढ़म, डिप्टी सीएम बैरवा, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ और कलेक्टर जितेंद्र सोनी ने परिजनों को आश्वस्त किया कि सरकार हरसंभव मदद करेगी। हालांकि, अभी तक मुआवजे की राशि की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।