24.4 C
Jaipur
Saturday, October 11, 2025

जयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के नाम पर बना बवाल, जानिए क्यों भड़के भाई और पत्नी?

Newsजयपुर में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के नाम पर बना बवाल, जानिए क्यों भड़के भाई और पत्नी?

जयपुर। राजधानी जयपुर के नगर निगम ग्रेटर (JMC-G) की मेयर सौम्या गुर्जर की अगुवाई में चल रहे निगम प्रशासन को एक नए विवाद का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक में शहर की एक सड़क का नाम राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के पूर्व प्रमुख सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के नाम पर रखने का प्रस्ताव सामने आया, जिसके बाद बैठक को स्थगित करना पड़ा।

नगर निगम कार्यालय में इस पूरे घटनाक्रम और गोगामेड़ी के कथित आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर प्रकाशित खबर पर उनके समर्थक काफी नाराज हुए। शुक्रवार को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी शीला शेखावत और भाई श्रवण सिंह ने अखबार के दफ्तर में जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि क्यों गोगामेड़ी को अपराधी बताया गया।

गोगामेड़ी के खिलाफ 2002 में हिस्ट्रीशीट

हनुमानगढ़ पुलिस से जानकारी के मुताबिक, मार्च 2002 में गोगामेड़ी के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खोली गई थी, जो फरवरी 2024 में बंद कर दी गई। यह कार्रवाई उनकी दिसंबर 2023 में हुई हत्या के बाद की गई थी। पुलिस ने बताया कि गोगामेड़ी की हत्या एक आपराधिक गिरोह से जुड़े बदमाशों ने की थी।

जानें कौन थे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, जिनकी गोलियों से भूनकर हुई हत्या, विवादों से पुराना नाता - who was Sukhdev Singh Gogamedi he was in limelight when he protested against the film

राष्ट्रीय एथलीट से बने समाजसेवी

गोगामेड़ी के भाई श्रवण सिंह ने निगम के प्रस्ताव का बचाव करते हुए कहा कि उनके भाई गरीबों और वंचितों की आवाज थे। उन्होंने बताया कि गोगामेड़ी बचपन से राष्ट्रीय स्तर के एथलीट थे और राजस्थान पुलिस की नौकरी छोड़कर समाज सेवा में लगे थे। श्रवण सिंह के अनुसार, “जब तक गोगामेड़ी जीवित थे, किसी व्यापारी को धमकी नहीं मिली और न ही किसी से फिरौती मांगी गई।”

गलत मिसाल बन सकता है कदम

नगर निगम के इस प्रस्ताव ने नैतिकता और कानून को लेकर बहस छेड़ दी है। आलोचक सवाल उठा रहे हैं कि क्या ऐसे व्यक्ति के नाम पर सड़क का नाम रखना उचित है जिनका आपराधिक अतीत रहा हो। उनका मानना है कि यह कदम गलत मिसाल पेश कर सकता है और कानून के सम्मान को कमजोर करेगा।

मेयर सौम्या गुर्जर की नहीं मिली प्रतिक्रिया

मेयर सौम्या गुर्जर से इस मामले में प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। निगम की कार्यकारिणी समिति इस प्रस्ताव पर पुनः विचार करेगी। विवाद ने पहले ही नागरिक निर्णय प्रक्रिया में भावनाओं और नैतिक मूल्यों के बीच संतुलन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह भी पढ़ें: ‘विधायक अयोग्य, उम्मीदवार भ्रष्ट और थप्पड़बाज दावेदार’, अंता उपचुनाव में जनता को क्या मिलेगा?

 

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles