Rajasthan BJP MLA Controversy: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मंड्रेला कस्बे में शनिवार को एक भव्य सार्वजनिक एवं राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस आयोजन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता जैसे प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, जिलाध्यक्ष हर्षिणी कुलहरि, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, नरेंद्र कुमार, विधायक राजेंद्र यादव और धर्मपाल समेत कई बड़े चेहरे मौजूद थे। कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और के.एल. चौधरी भी मंच पर दिखे। लेकिन इस बीच एक दृश्य ने सभी का ध्यान खींचा — नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल आम जनता के बीच कुर्सी पर बैठे दिखे, मंच पर नहीं।
मंच से कई बार पुकारा गया नाम, फिर भी नहीं पहुंचे विधायक
कार्यक्रम के दौरान जब मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री पहुंचे, तब मंच से बार-बार नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल का नाम स्वागत के लिए पुकारा गया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि वे मंच की बजाय आम लोगों के बीच बैठे रहे। इस व्यवहार ने सियासी गलियारों में अटकलों और चर्चाओं को हवा दे दी।
तबीयत खराब या संगठन से नाराजगी?
कार्यक्रम के बाद जब मीडिया ने जाखल से इस पर सवाल किया, तो उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इसी वजह से वे मंच पर नहीं गए। हालांकि, सवाल उठने लगे हैं कि अगर केवल तबीयत खराब थी तो फिर वे कार्यक्रम में शामिल क्यों हुए? क्या उन्हें मंच पर बैठने की जगह नहीं दी गई? या फिर उन्हें आयोजन समिति की ओर से निमंत्रण ही नहीं मिला?
पुरानी दूरी की चर्चाएं फिर ज़िंदा
यह कोई पहला मौका नहीं है जब विक्रम सिंह जाखल चर्चा में आए हों। बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर उन्होंने झुंझुनूं में रक्तदान शिविर आयोजित करवाया था, लेकिन उसमें भाजपा के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी ने तब भी राजनीतिक संदेश दिए थे। अब मंड्रेला में मंच से दूरी बनाना उसी चर्चा को फिर ताजा कर रहा है — क्या विधायक और पार्टी नेतृत्व के बीच सब कुछ ठीक नहीं?
पार्टी ले सकती है संज्ञान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जब मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जैसे बड़े नेता किसी कार्यक्रम में मौजूद हों, तो किसी सत्ताधारी दल के विधायक का मंच से दूरी बनाए रखना पार्टी अनुशासन की दृष्टि से एक गंभीर मामला हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस पूरे घटनाक्रम को नोट किया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पार्टी इस पर कोई कार्रवाई करती है या बात वहीं दबा दी जाती है।
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