दीवाली और छठ के त्योहारों के चलते जयपुर जंक्शन पर हर साल की तरह इस साल भी भारी भीड़ उमड़ रही है। रेलवे प्रशासन ने पिछले अनुभवों से सीख लेकर इस बार यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। अब अगर कोई यात्री ट्रेन छूटने से 1-2 घंटे पहले स्टेशन पहुंचता है, तो उसे अंदर प्रवेश नहीं मिलेगा। साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।
नई व्यवस्था के तहत जयपुर जंक्शन पर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों के लिए स्टेशन के बाहर बड़ा टैंट लगाया गया है, जहां वे आराम से अपने ट्रेन के समय तक रुक सकते हैं। केवल तय समय पर ही यात्री स्टेशन के अंदर प्रवेश कर सकेंगे। दीवाली और छठ के त्योहार को देखते हुए सभी निर्माण कार्य फिलहाल रोक दिए गए हैं, ताकि सिविल वर्क के कारण यात्रियों को परेशानी न हो। भीड़भाड़ और किसी हादसे की आशंका को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
RPF के साथ साथ होमगार्ड की भी तैनाती की गई है
इस बार RPF के साथ-साथ होमगार्ड की भी तैनाती भी की गई है। 28 अक्टूबर तक कोई भी परिजन यात्रियों को छोड़ने के लिए स्टेशन के अंदर नहीं जा सकेगा; अब केवल यात्री ही अंदर प्रवेश कर सकेंगे। यह व्यवस्था रेलवे ने भीड़भाड़ और भगदड़ की स्थिति रोकने के लिए की है। यात्री अब रेलवे स्टेशन के बाहर लगे टैंट में ही अपनी ट्रेन का इंतजार करेंगे और निर्धारित समय पर ही अंदर प्रवेश करेंगे।
भीड़ को कंट्रोल करना बड़ा मुश्किल हो रहा है
रेलवे प्रशासन ने सभी इंतजाम कर दिए हैं, लेकिन जयपुर जंक्शन पर भीड़ लगातार बढ़ रही है और उसे नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। त्योहार के समय हर यात्री अपने घर, शहर या गांव पहुंचना चाहता है, जिससे हालात और भी पेचीदा हो जाते हैं। 28 अक्टूबर तक यह व्यवस्था कितनी कारगर साबित होती है, यह देखने वाली बात होगी। रेलवे प्रबंधन फिलहाल पूरे अलर्ट मोड पर है और सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान दे रहा है।
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