राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। उनके मुताबिक करीब 122 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। जांच में पता चला है कि फसल खराब होने के बावजूद 1.7 लाख से ज्यादा किसानों को बीमा का कोई भुगतान नहीं किया गया और उनके दावे ‘शून्य’ दिखा दिए गए। उन्होंने गंगानगर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2023 से लेकर रबी 2024 तक करीब 1.70 लाख किसानों ने नुकसान की भरपाई के लिए दावा किया था। लेकिन मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के बावजूद बीमा कंपनी ने सभी किसानों के दावे को ‘शून्य’ दिखा दिया और किसी को मुआवजा नहीं दिया।
किसानों का कुल ‘दावा’ करीब 100 करोड़ रुपये बनता था
मंत्री ने बताया कि जब बीमा कंपनियों की जांच करवाई गई तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। किसानों और कृषि विभाग के कर्मचारियों के हस्ताक्षर जाली पाए गए, यानी कंपनियों ने असली सर्वे किया ही नहीं। किसानों का करीब 100 करोड़ रुपये का ऑनलाइन दावा इन्हीं फर्जी हस्ताक्षरों के ज़रिए हड़प लिया गया। इसके अलावा खरीफ 2023 में करीब 1,800 किसानों ने ऑफलाइन दावा किया था, जिनकी राशि लगभग 22 करोड़ रुपये थी। इनमें भी इसी तरह की गड़बड़ी मिली।
अब तक 32,000 दावा प्रपत्रों फार्म की जांच
मंत्री ने बताया कि अब तक 32 हजार बीमा दावों की जांच की गई है, जिनमें से 30 हजार से ज्यादा फार्म फर्जी निकले हैं। उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ धोखाधड़ी और सरकारी रिकॉर्ड से छेड़छाड़ का गंभीर मामला है। फसल बीमा की जांच समिति में एक किसान प्रतिनिधि और कृषि विभाग का अधिकारी शामिल था, लेकिन उनके हस्ताक्षर भी जाली पाए गए। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित किसानों को नियमों के अनुसार मुआवजा मिलेगा और बीमा कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

