RAS Success Story: जयपुर। बीते बुधवार को घोषित हुए RAS 2023 के परिणाम ने कई अभ्यर्थियों के सपनों को पंख दिए। इसी कड़ी में भरतपुर के रजनीश गुर्जर की सफलता ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा। कभी ‘फर्जी थानेदार’ कहकर ताने सुनने वाले रजनीश ने RAS में 404वीं रैंक हासिल कर ना सिर्फ खुद को साबित किया, बल्कि तमाम आलोचकों को भी करारा जवाब दिया।
सबसे कम उम्र में बने थे सब इंस्पेक्टर
रजनीश का नाम पहली बार चर्चा में आया था 2021 की एसआई भर्ती के दौरान, जब वे मात्र 22 वर्ष की उम्र में सबसे युवा सब-इंस्पेक्टर बने थे। लेकिन भर्ती पर उठे सवालों के बाद उन्हें भारी मानसिक तनाव से गुजरना पड़ा। गांव के लोग उन्हें ‘फर्जी थानेदार’ कहकर बुलाते थे। रिश्तेदारों ने दूरी बना ली और रजनीश ने खुद को एकदम अकेला कर लिया।
ट्रेनिंग के साथ-साथ जारी रखी पढ़ाई
इन हालातों में भी रजनीश ने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा, “मुझे अपनी प्रतिभा का प्रमाण देना था। मैंने SI की ट्रेनिंग के दौरान ही RAS की तैयारी शुरू की।” उनके अनुसार, कुछ साथी अभ्यर्थियों ने इस कठिन समय में उनका मार्गदर्शन किया और उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
‘फर्जी थानेदार’ कहने वालों को मिला करारा जवाब
अब RAS में चयनित होने के बाद रजनीश ने कहा, “जो लोग मुझे ‘फर्जी थानेदार’ कहकर ताना मारते थे, उनकी बातों का जवाब अब मेरी मेहनत ने दे दिया है। हर कोई फर्जी नहीं होता, हम में से कई ने सच में कड़ी मेहनत की थी।” उन्होंने यह भी कहा कि समाज को हर कहानी के दोनों पक्षों को सुनना चाहिए, ताकि बेगुनाहों को बदनामी न झेलनी पड़े।
साथी ने की आत्महत्या
रजनीश ने भावुक होते हुए बताया कि उनके साथी राजेंद्र सैनी, जो इसी भर्ती प्रक्रिया से जुड़े थे, तानों और सामाजिक दबाव को सहन नहीं कर पाए और आत्महत्या कर ली। “उनका परिवार बेहद गरीब था। अब हम साथी अभ्यर्थी उनकी मदद कर रहे हैं।
इरादे मजबूत हो तो
रजनीश गुर्जर की यह कहानी सिर्फ एक परीक्षा में पास होने की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान, संघर्ष और समाज की सोच से लड़ने की कहानी है। RAS में चयन ने यह साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी ‘फर्जी’ नहीं, बल्कि ‘वास्तविक नायक’ बन सकता है।

