Rajasthan housing Board News: सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी जयपुर के सांगानेर में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बनी 87 अवैध कॉलोनियों को हटाने के मामले में राज्य सरकार को एसएलपी (Special Leave Petition) वापस लेने की अनुमति दे दी है। इससे पहले इस मामले में राज्य सरकार की एसएलपी खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जयपुर में लगभग 10,000 परिवारों के बेघर होने का खतरा बढ़ गया है।
69 कॉलोनियों की सूची तैयार की गई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाउसिंग बोर्ड ने 69 अधिग्रहित कॉलोनियों की सूची बनाई है, जिनमें लगभग 7,258 भूखंड शामिल हैं। इन कॉलोनियों में 70 से 80 प्रतिशत तक बसावट हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हाउसिंग बोर्ड अब इन जमीनों को खाली कराने के लिए स्वतंत्र होगा। सूची में 50 कॉलोनियों के भूखंडों की संख्या स्पष्ट है, जबकि लगभग 18 अन्य कॉलोनियों के भूखंडों की संख्या दर्ज नहीं है।
पूरे मामले का विवरण
राजस्थान सरकार ने 12 मार्च 2025 को सांगानेर की इन 87 कॉलोनियों को नियमित करने का आदेश जारी किया था। यह जमीन मूल रूप से राजस्थान हाउसिंग बोर्ड द्वारा किसानों से अधिग्रहित की गई थी और उनके भुगतान भी किए जा चुके थे। आरोप है कि हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर कुछ सोसाइटियों ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज बनाए और अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर प्लॉट काटकर कब्जा कर लिया।
इस मामले में पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था की याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को आदेश दिया था कि सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को नियमित नहीं किया जा सकता। खंडपीठ ने हाउसिंग बोर्ड को 8 सप्ताह के भीतर इन अवैध कॉलोनियों से कब्जा हटाने का निर्देश दिया और उन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा जिनकी निगरानी में ये कब्जे हुए।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा नियमित नहीं होगा
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए स्पष्ट किया कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को नियमित नहीं किया जा सकता। अब हाउसिंग बोर्ड को यह जिम्मेदारी मिली है कि वह कानून के तहत इन कॉलोनियों को खाली कराए और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करे।
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