Sonam Wangchuk News: लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत हिरासत की समीक्षा के लिए आज जोधपुर केंद्रीय कारागार में लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के सलाहकार बोर्ड की अहम सुनवाई हुई। यह प्रक्रिया करीब तीन घंटे तक चली, जिसमें बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों ने वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो का पक्ष सुना। सुनवाई के बाद बोर्ड सदस्य जेल से लौट गए। निर्णय बोर्ड द्वारा ही लिया जाएगा।
गीतांजलि की जेल पहुंच कड़ी सुरक्षा के बीच
गीतांजलि ने सुबह जल्दी जोधपुर पहुंचकर सीधे जेल के लिए प्रस्थान किया। उनके साथ बोर्ड सदस्यों की गाड़ियां भी मौजूद थीं और जेल परिसर में दाखिल होने के समय सुरक्षा कड़ी रखी गई थी। गीतांजलि ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एजेंसियों पर उनका पीछा करने और निजता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। उन्होंने हलफनामे में जेल मुलाकातों के दौरान भी निगरानी और बातचीत की नोटिंग का हवाला दिया।
NSA के तहत हिरासत समीक्षा का प्रावधान
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के तहत गठित यह विशेष संवैधानिक निकाय निरोधात्मक हिरासत की समीक्षा करता है। बोर्ड हिरासत आदेश की औचित्य जांचता है और आवश्यकता पड़ने पर आरोपी को राहत प्रदान कर सकता है। लद्दाख प्रशासन द्वारा गठित इस तीन सदस्यीय बोर्ड की अध्यक्षता पूर्व जज एम.के. हजूरा कर रहे हैं, जबकि अन्य सदस्य हैं जिला जज मनोज परिहार और सामाजिक कार्यकर्ता स्पाल जयेश आंगमो। बोर्ड सदस्य गुरुवार को ही जोधपुर पहुंचे थे और सर्किट हाउस में ठहरे।
गीतांजलि की याचिका
गीतांजलि ने बोर्ड के समक्ष याचिका दायर कर कहा कि उनके पति की हिरासत गलत है। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इस मामले की जानकारी साझा की और प्रक्रियागत खामियों व आधारहीन आरोपों का जिक्र किया। सोनम वांगचुक को 27 सितंबर को लेह से गिरफ्तार किया गया था और उसी रात उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया। तब से उन्हें कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। इससे पहले वांगचुक से उनके बड़े भाई और वकील मुस्तफा हाजी और पत्नी ने विशेष अनुमति से जेल में मुलाकात की थी।
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