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Monday, December 1, 2025

Rajasthan: RAS 2023 में पास अभ्यार्थियों की जातिवार लिस्ट वायरल, RPSC ने दर्ज की FIR

NewsRajasthan: RAS 2023 में पास अभ्यार्थियों की जातिवार लिस्ट वायरल, RPSC ने दर्ज की FIR

RPSC Fake List Viral: राजस्थान में सोशल मीडिया पर एक बार फिर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। कुछ समाजकंटक तत्वों द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के नाम से आरएएस भर्ती-2023 के परिणाम में जातिवार चयनित अभ्यर्थियों की संख्या दर्शाते हुए एक फर्जी पोस्ट प्रसारित की गई। इस पोस्ट में आयोग सचिव रामनिवास मेहता के अधिकृत हस्ताक्षर भी दर्शाए गए, जिससे यह असली प्रतीत हो रही थी।

आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने तुरंत स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि आयोग ने कभी भी किसी भर्ती परीक्षा में जातिवार आंकड़े जारी नहीं किए हैं। उन्होंने इसे पूर्णतः भ्रामक और जाली पोस्ट बताया और संबंधित व्यक्तियों को चेतावनी दी कि इसे तुरंत हटा दें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आरपीएससी सचिव बनकर फर्जी पोस्ट 

आयोग की चेतावनी के बावजूद जब फर्जी पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित होती रही, तो रामनिवास मेहता ने सिविल लाइंस थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने बताया कि 16 अक्टूबर को किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके नाम से कूटरचित दस्तावेज जारी कर इसे वायरल किया, जिससे आयोग की विश्वसनीयता और साख को नुकसान पहुंचाने का प्रयास हुआ।

RPSC | Home

फर्जीवाड़े पर होगी सख्त कार्रवाई

इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, 2023 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिनमें शामिल हैं

  • धारा 319(2): प्रतिरूपण द्वारा जाली दस्तावेज बनाना

  • धारा 336(2): जाली दस्तावेज तैयार करना

  • धारा 336(4): इरादतन प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना

  • धारा 356(2): अपमानजनक लेख से प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना

  • धारा 352: लोकशांति भंग करने के उद्देश्य से अफवाह फैलाना

इन धाराओं में दो से पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। पुलिस ने कहा कि यह प्रकरण न केवल जालसाजी का है, बल्कि इसमें लोक शांति भंग करने और प्रशासनिक संस्थान की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की मंशा भी झलकती है।

एफआईआर दर्ज

सिविल लाइंस थाना पुलिस ने एफआईआर संख्या 0301 दिनांक 24/10/2025 के तहत मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी शंभू सिंह ने कहा कि यह एक गंभीर साइबर अपराध है। मामले की जांच एएसआई चाँद सिंह को सौंपी गई है, जो तकनीकी माध्यमों से पोस्ट के स्रोत और आरोपी की पहचान में जुटे हैं। पुलिस ने चेतावनी दी कि फर्जी सूचना फैलाने वालों पर कड़ी और उदाहरणात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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