Kirodi Lal Meena News: राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा रविवार सुबह संत दुर्लभजी अस्पताल पहुंचे। वहां दौसा के बालाजी थाना क्षेत्र के रहने वाले विक्रम के परिजनों ने बताया कि अस्पताल प्रशासन पैसे बकाया होने का हवाला देकर मृतक का शव नहीं दे रहा है। विक्रम 13 अक्टूबर को भर्ती हुए थे और इलाज के दौरान परिवार ने 6 लाख 39 हजार रुपये का भुगतान कर दिया था। इसके बावजूद ऑपरेशन के बाद उनकी मृत्यु हो गई और अस्पताल अब 1 लाख 79 हजार रुपये और मांग रहा था।
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने अस्पताल प्रशासन को तत्काल शव सौंपने के निर्देश दिए और कहा कि पैसे के अभाव में किसी परिवार को शव रखना अमानवीय है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ पुलिस को शिकायत दर्ज करने का भी आदेश दिया।
परिवार का आरोप
मृतक के परिजनों ने कहा कि जब अस्पताल प्रशासन पर दबाव डाला गया, तब जाकर शव देखने दिया गया। परिजनों ने शव में से बदबू आने की बात भी कही और आशंका जताई कि मृत्यु पहले हो चुकी थी।
अन्य मामले
इस घटना के अलावा कई अन्य निजी अस्पतालों में बिल विवाद सामने आए। 14 अक्टूबर को मोनू मीणा को अपेक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 24 घंटे में 8.5 लाख रुपये का बिल थमाया गया। महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती काजल का भी लाखों रुपये का बिल बनाया गया। हनुमानगढ़ जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने भी मंत्री से मिलकर अपनी बहू कौशल्या भाटिया का छह लाख रुपये का बिल बढ़ने की शिकायत की।
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा का बयान
मंत्री ने कहा कि इन मरीजों को राजस्थान सरकार की ‘मां योजना’ से लिंक नहीं किया गया, इसलिए उन्हें खर्च अपनी जेब से उठाना पड़ा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार योजना के माध्यम से लाभ दे रही है, लेकिन अस्पताल इसे मरीजों तक नहीं पहुंचा रहे। यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है, क्योंकि पात्र होने के बावजूद मरीजों को योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा।
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