विश्वप्रसिद्ध पुष्कर मेला 2025 का आगाज़ आज (30 अक्टूबर) पारंपरिक उत्साह और लोक संस्कृति की झलक के साथ होगा। उद्घाटन समारोह में प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत सहित कई जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहेंगे।
समारोह की शुरुआत छात्राओं द्वारा मांडना प्रतियोगिता और समूह नृत्य से होगी, इसके बाद स्थानीय और विदेशी टीमों के बीच ‘चक दे राजस्थान’ फुटबॉल मैच खेला जाएगा। शाम 6 बजे पुष्कर सरोवर घाट पर दीपदान और रंगोली सजावट का आयोजन होगा, जबकि 6:30 बजे महाआरती की जाएगी।
रात्रि 7 बजे मेला मंच पर हास्य कार्यक्रम और राजस्थानी लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां मेले के पहले दिन को सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कर देंगी।
ऊंट श्रृंगार, नृत्य और पारंपरिक खेल होंगे
31 अक्टूबर (शुक्रवार) को पुष्कर मेला मैदान में परंपरागत खेलों की रौनक देखने को मिलेगी। सुबह से ही लंगड़ी टांग, सतोलिया और गिल्ली-डंडा जैसे देसी खेलों की गूंज मेला परिसर में उत्साह भर देगी।
स्थानीय और विदेशी पर्यटक इन खेलों का लुत्फ उठाते नजर आएंगे। दिनभर चलने वाले आयोजनों में ऊंट श्रृंगार और उष्ट्र नृत्य प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण रहेंगी।
शाम को मेला मंच पर ‘पुष्कर की आवाज’ कार्यक्रम के तहत स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे, जबकि रात को एनजेडसीसी और कुटले खान प्रोजेक्ट की मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दर्शकों को लोकसंगीत के सुरों में डुबो देंगी।
बॉलीवुड नाइट का जादू
1- नवंबर को पुष्कर मेले की सुबह ग्रामीण खेलों के जोश से शुरू होगी। कबड्डी, अश्व नृत्य, रस्साकस्सी और वॉलीबॉल जैसे पारंपरिक खेलों में स्थानीय युवाओं का उत्साह देखने को मिलेगा। शाम को ‘सुरस बैंड’ और ‘नीरज आर्य का कबीर कैफे’ अपनी संगीत प्रस्तुतियों से वातावरण को सुरमयी बना देंगे।
2- नवंबर को मेले में आध्यात्मिक माहौल देखने को मिलेगा। इस दिन आध्यात्मिक पदयात्रा, फूड एंड क्राफ्ट महोत्सव के साथ-साथ गुलाबो देवी का कालबेलिया नृत्य और भुंगर खान की डेजर्ट सिम्फनी जैसे लोकनृत्य दर्शकों को राजस्थान की समृद्ध लोकसंस्कृति से रूबरू कराएंगे।
3- नवंबर को लगान शैली का क्रिकेट मैच दर्शकों के लिए खास आकर्षण रहेगा। विदेशी पर्यटकों के लिए पगड़ी, तिलक और मूंछ प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जो मेले की रंगत को और बढ़ाएगा। रात में रूप कुमार और सोनाली राठौड़ की बॉलीवुड नाइट समां बांध देगी।
मेले का भव्य समापन 5 नवंबर को सांस्कृतिक झांकियों, पारंपरिक खेलों और पुष्कर सरोवर पर होने वाली महाआरती के साथ किया जाएगा, जो इस ऐतिहासिक मेले की अविस्मरणीय याद छोड़ जाएगा।


