अंता (बारां)। राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव की सरगर्मी चरम पर है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित दोनों प्रमुख दलों के दिग्गज नेताओं ने अंता में डेरा डाल रखा है। अब तक मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच देखा जा रहा था, लेकिन निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक अशोक चांदना को ‘चांदनी’ कहकर राजनीतिक तापमान और बढ़ा दिया है।
“अस्पताल भेजो, विधानसभा नहीं…”
नरेश मीणा की टिप्पणी पर अशोक चांदना ने भी तीखा पलटवार किया है। दो वीडियो सामने आए हैं, जिनमें चांदना कहते दिख रहे हैं— “जो अपने कार्यकर्ताओं को लातों और दुखों की बात देता है, उसे अस्पताल भेजो, विधानसभा मत भेजो।” दूसरे बयान में उन्होंने चुनाव में मर्यादा बनाए रखने पर जोर दिया और कहा, “चुनावी भाषा के स्तर को गिराना ठीक नहीं, खासकर तब जब प्रत्याशी मेरे ही समाज से हो।”
“मेरे समाज के लोग नाराज होंगे”
चांदना ने यह भी कहा— “मीणा समाज में मेरे कई मित्र हैं। अगर मैं भी उसी भाषा में बोलूं, तो मेरे दोस्तों का दिल दुखेगा। यह चुनावी बातें हैं, 11 तारीख तक की चुनावी बातें हैं।
मुकाबला हुआ दिलचस्प
अंता में कांग्रेस प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतार चुकी है, जबकि बीजेपी ने मोरपाल सुमन पर दांव लगाया है। वहीं नरेश मीणा के निर्दलीय उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। उपचुनाव के लिए कुल 15 उम्मीदवार हैं। इसमें बीजेपी के बागी पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल सहित 5 उम्मीदवारों के नाम वापस लेने से बीजेपी को राहत मिली है और पार्टी का दावा है कि संगठन में एकजुटता और मजबूत हुई है। अंता का राजनीतिक माहौल फिलहाल बेहद गर्म है, और नेताओं के तीखे बयान बाज़ी इसे और रोमांचक बना रहे हैं।
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