Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और कॉलेजों में वंदे मातरम गाया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने कहा कि “वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है।” उन्होंने बताया कि 7 नवंबर को वंदे मातरम गीत के 150 साल पूरे होंगे और इस मौके को राज्य सरकार ‘देशभक्ति वर्ष’ के रूप में मनाने जा रही है।
मदरसों में भी गूंजेगा वंदे मातरम
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह नियम सभी सरकारी संस्थानों में लागू होगा — स्कूल, कॉलेज या मदरसे — सभी को इसका पालन करना होगा। दिलावर ने कहा, “हमारे बच्चों को भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति से जोड़ने के लिए वंदे मातरम का सामूहिक गायन एक सशक्त कदम है।”
कम नामांकन वाले स्कूल होंगे मर्ज
इसी के साथ शिक्षा मंत्री ने राज्य के शिक्षा ढांचे में बड़े बदलाव का भी ऐलान किया। उन्होंने बताया कि 25 से कम विद्यार्थियों वाले 155 उच्च माध्यमिक विद्यालय और 5 या उससे कम (या शून्य) नामांकन वाले 157 प्राथमिक विद्यालयों को अगले शैक्षणिक वर्ष में विलय (मर्ज) किया जाएगा।
मदन दिलावर ने कहा कि “दो वर्षों से लगातार प्रयासों के बावजूद इन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या नहीं बढ़ी, इसलिए इन्हें पास के बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में मिलाया जा रहा है।”
इससे पहले 449 स्कूल हो चुके हैं मर्ज
राज्य सरकार इससे पहले भी जनवरी 2025 में 449 स्कूलों को उनके आसपास स्थित स्कूलों में विलय कर चुकी है। सरकार ने बताया था कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, संसाधनों का बेहतर उपयोग करने और शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।
शिक्षा और राष्ट्रभावना दोनों को सशक्त बनाना
राजस्थान सरकार का कहना है कि “वंदे मातरम” का गायन विद्यार्थियों और नागरिकों में देशभक्ति की भावना को मजबूत करेगा, जबकि स्कूल विलय की नीति शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाएगी।
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