अंता उपचुनाव में अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधने के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति को तेज कर दिया है। पार्टी ने उम्मीदवार मोरपाल सुमन के समर्थन में मुस्लिम वोटों को जोड़ने की जिम्मेदारी कामां विधायक नौक्षम चौधरी को सौंपी है। इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। विधायक नौक्षम चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय ने पिछले 75 वर्षों से कांग्रेस पर भरोसा जताया, लेकिन पार्टी ने उन्हें विकास की मुख्यधारा से दूर रखकर गरीबी की रेखा के नीचे जीवन जीने पर मजबूर कर दिया।
कामां विधायक नौक्षम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा मुस्लिम समाज को केवल वोट बैंक के रूप में देखा और उनका राजनीतिक रूप से उपयोग करने के बाद उपेक्षा की। उन्होंने दावा किया कि इस बार मुस्लिम और अनुसूचित जाति समाज दोनों ने मन बना लिया है कि अब वे भाजपा के साथ खड़े होंगे। चौधरी ने विश्वास जताया कि जनता भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन को भारी मतों से विजयी बनाएगी।
जनसंघ के समय से मुस्लिम हमारे साथ- मेवाती
हामिद खान मेवाती ने कहा कि अंता और मांगरोल क्षेत्र में जनसंघ के दौर से ही मुस्लिम समाज के लोग भाजपा से जुड़े रहे हैं और पार्टी की विचारधारा पर भरोसा जताते आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की 140 करोड़ जनता के हित में योजनाएं बनाते हैं, जिनका लाभ अल्पसंख्यक वर्ग तक भी व्यापक रूप से पहुंचा है। मेवाती ने यह भी उल्लेख किया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा लागू की जा रही योजनाएं राज्य की पूरी 8 करोड़ आबादी के लिए हैं, जिनका फायदा हमारे समाज के लोगों को भी मिल रहा है।
भाजपा को मुसलमानों की बात करने का हक नहीं- कांग्रेस
बीजेपी पर जवाबी हमला करते हुए बारां के पूर्व कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम समाज की बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसे बयान देते हैं कि “एक रहोगे तो सुरक्षित रहोगे, बंटोगे तो कटोगे”, तो इसका सीधा संदेश समाज में विभाजन फैलाना होता है। मेघवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व लगातार हिंदू-मुस्लिम, श्मशान-कब्रिस्तान और भारत-पाकिस्तान जैसे मुद्दों को उछालकर लोगों को बांटने की राजनीति कर रहा है।
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