देश को एकता और राष्ट्रभावना के सूत्र में बांधने वाले अमर गीत वंदे मातरम् की रचना को 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राजस्थान की राजधानी जयपुर आज (7 नवंबर 2025) एक ऐतिहासिक आयोजन की साक्षी बनेगी। इस मौके पर सवाई मानसिंह स्टेडियम में राज्य स्तरीय मुख्य समारोह का भव्य आयोजन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 50 हजार लोग एक साथ वंदे मातरम् का सामूहिक गायन करेंगे। यह कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक उत्सव नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति और स्वदेशी चेतना को समर्पित वर्षभर चलने वाले अभियान “वंदे मातरम् @150” का शुभारंभ है, जो 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक पूरे देश में आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री की अगुवाई में देशभक्ति का महाअभियान
कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए वंदे मातरम् को मातृभूमि के प्रति समर्पण, त्याग और राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताया है। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, यह उत्सव पूर्ण देशभक्ति की भावना के साथ आयोजित किया जाएगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक गौरव और देशप्रेम की भावना को और सशक्त बनाना है।
स्कूल, पुलिस और आर्मी बैंड की शानदार प्रस्तुतियां
इस राज्य स्तरीय समारोह में सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी, विश्वविद्यालयों और तकनीकी महाविद्यालयों के छात्र, NSS, NCC और हिंदुस्तान स्काउट गाइड के कैडेट्स, पुलिस व RAC के जवान, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, आम नागरिक और जनप्रतिनिधि उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान सामूहिक रूप से वंदे मातरम् का गायन किया जाएगा और 50 हजार तिरंगे झंडों का वितरण होगा। साथ ही, स्कूल, पुलिस और आर्मी बैंड अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को देशभक्ति के रंग में रंग देंगे। इस अवसर पर राष्ट्रनायकों और महापुरुषों के जीवन पर आधारित एक विशेष प्रदर्शनी भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।
7 नवंबर 1875 को बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था वंदे मातरम्
‘वंदे मातरम्’ की रचना के 150 वर्ष का यह अवसर भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास से गहराई से जुड़ा है। यह राष्ट्रीय गीत 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के पावन दिन पर बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था। पहली बार यह गीत उनके प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ के एक अंश के रूप में साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित हुआ। ‘वंदे मातरम्’ ने मातृभूमि को शक्ति, समृद्धि और पवित्रता का प्रतीक बनाते हुए भारतीय एकता और आत्मगौरव की भावना को काव्य रूप में व्यक्त किया। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान इस गीत ने असंख्य क्रांतिकारियों को प्रेरणा, साहस और संकल्प प्रदान किया। डेढ़ सदी बाद भी यह गीत भारतीय अस्मिता, अखंडता और राष्ट्रभक्ति का अमिट प्रतीक बना हुआ है।
पूरे प्रदेश में देशभक्ति की लहर, जिला स्तर तक आयोजन
‘वंदे मातरम् @150’ कार्यक्रम का दायरा केवल जयपुर तक सीमित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इस महाअभियान को पूरे राजस्थान में जन-जन तक पहुंचाने की विस्तृत योजना तैयार की गई है। इसी के तहत जयपुर के साथ-साथ प्रदेश के नौ प्रमुख जिलों—अजमेर, बीकानेर, उदयपुर, भरतपुर, कोटा, जोधपुर, सीकर, भीलवाड़ा और अलवर में भी आज जिला स्तरीय समारोह आयोजित किए जाएंगे, जहां स्थानीय स्तर पर सामूहिक गायन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रबल किया जाएगा।
8 और 9 नवंबर को जन-जागरूकता अभियान
इस श्रृंखला के अगले चरण में 8 और 9 नवंबर को राज्य के शेष 31 जिलों में प्रभारी मंत्रियों की उपस्थिति में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन आयोजनों में प्रभात फेरियां, रन और बाइक रैलियों के माध्यम से वंदे मातरम् का संदेश आमजन तक पहुंचाया जाएगा। तय कार्यक्रम के अनुसार, शहीद स्मारकों पर श्रद्धांजलि सभाएं होंगी, जबकि विद्यालयों में सामूहिक राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही निबंध लेखन, चित्रकला और रंगोली प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों को राष्ट्रभक्ति से जोड़ने का प्रयास होगा। NSS द्वारा स्वच्छता अभियान और रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे, वहीं स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान थीमैटिक प्रदर्शनी, फोटोग्राफ, डिजिटल पैनल और कला प्रदर्शनों के जरिए वंदे मातरम् की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और स्वतंत्रता संग्राम में उसकी प्रेरणादायी भूमिका को प्रदर्शित किया जाएगा।
ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचेगा ‘वंदे मातरम्’ का संदेश
इस अभियान को जनआंदोलन का रूप देने के लिए ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। एक स्थान, एक समय, एक गीत – वंदे मातरम् की थीम पर सामूहिक गायन के आयोजन होंगे, जिनमें पंचायत प्रतिनिधि, विद्यार्थी, स्वयंसेवी संगठन और सामाजिक संस्थाएं सक्रिय भागीदारी निभाएंगी। इन आयोजनों का उद्देश्य देशभक्ति की भावना को ग्राम स्तर तक पहुंचाना और हर नागरिक को राष्ट्रीय एकता के इस प्रतीक गीत से जोड़ना है।

