जयपुर जिले के बस्सी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिलावटी सॉस बनाने वाली एक अवैध इकाई का खुलासा किया है। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग, राजस्थान द्वारा संचालित “शुद्ध आहार–मिलावट पर वार” अभियान के तहत की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (जयपुर द्वितीय) डॉ. मनीष मित्तल के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने बस्सी के मोहनपुर गांव स्थित मैसर्स श्रीश्याम इंटरप्राइजेज पर छापा मारकर उत्पादन गतिविधियों की जांच की।
5 सौ किलो मिलावटी सॉस जब्त
जांच के दौरान टीम ने पाया कि फैक्ट्री में अत्यंत अस्वच्छ परिस्थितियों में सॉस तैयार किया जा रहा था। मौके से लगभग 500 किलो मिलावटी सॉस जब्त किया गया, जबकि 200 किलो तैयार उत्पाद और करीब 1000 किलो सड़ी-गली गाजर का पल्प नष्ट कराया गया। जांच में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री में खराब गाजरों को उबालकर उनमें कृत्रिम रंग और सैकरिन — जो खाद्य उपयोग के लिए प्रतिबंधित स्वीटनर है — मिलाया जा रहा था। इसके बाद इस मिश्रण को विभिन्न ब्रांड नामों से बाजार में बेचने की तैयारी की जा रही थी।
फैक्ट्री में लगी मशीनों को किया गया सील
टीम को फैक्ट्री परिसर से 41 कार्टूनों में भरी लगभग 500 तैयार सॉस की बोतलें मिलीं। सभी बोतलों को जब्त कर उनके नमूने रासायनिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं, ताकि सॉस की गुणवत्ता और मिलावट की पुष्टि की जा सके। प्राथमिक जांच में फैक्ट्री का स्वामित्व राकेश सैनी के नाम पर पाया गया, जो पिछले एक वर्ष से यह इकाई संचालित कर रहा था। कार्रवाई के तहत विभाग ने फैक्ट्री में लगी सभी मशीनों को सील कर दिया है और आगे के आदेश तक उत्पादन पूरी तरह रोकने के निर्देश जारी किए हैं।
संदिग्ध उत्पाद मिलने पर तुरंत शिकायत करने को कहा
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वितीय, डॉ. मनीष मित्तल ने बताया कि यह कार्रवाई जनस्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट जैसी गतिविधियों के खिलाफ विभाग की सख्त कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। इस अभियान में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील चोटवानी, विनोद थारवान और राजेश नागर शामिल रहे। पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है और आगे की कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। डॉ. मित्तल ने आमजन से अपील की है कि वे सस्ते या बिना लेबल वाले खाद्य उत्पादों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध उत्पाद की जानकारी तुरंत विभाग को दें।


