राजस्थान के झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ क्षेत्र में शुक्रवार को एक चलती हुई स्कॉर्पियो अचानक आग की लपटों में घिर गई। कुछ ही पलों में वाहन के भीतर धुआं भर गया, जिसमें पांच बच्चों सहित सात लोग फंस गए। स्थिति इतनी भयावह थी कि दृश्य किसी फिल्मी हादसे जैसा प्रतीत हो रहा था। हालांकि, चालक की त्वरित समझदारी और साहस से सभी यात्रियों की जान बच गई। यदि थोड़ी भी देर होती, तो यह हादसा एक पूरे परिवार के लिए त्रासदी में बदल सकता था।
यह हादसा झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ क्षेत्र में कुमावास-देलसर मार्ग पर डाबड़ी बलौदा गांव के पास दोपहर बाद हुआ। बताया गया कि डाबड़ी बलौदा निवासी नदीम और अनवर अपनी बहन खेरूना के घर, भोडकी (गुढ़ागौडजी), में पारिवारिक समारोह भात-मायरा में शामिल होने जा रहे थे। स्कॉर्पियो में नदीम के बच्चे आरजू (14), अयान (13) और आलिया (10), अनवर की बेटी तमन्ना (15), बड़े भाई सद्दाम का बेटा अदनान (3) और उनका मित्र अजय नायक (25) सवार थे।
चलती कार से उठा धुआं, फिर फैल गई आग
अनवर गाड़ी चला रहे थे। घर से लगभग तीन किलोमीटर आगे बढ़ते ही वाहन के बोनट से अचानक धुआं उठने लगा। उन्होंने तुरंत गाड़ी रोकने और इंजन बंद करने की कोशिश की, लेकिन इंजन बंद नहीं हुआ। कुछ ही क्षणों में आग ने विकराल रूप ले लिया और गाड़ी अपने आप लॉक हो गई। अंदर बैठे बच्चे और युवक घबराकर चीखने लगे, जिससे माहौल अफरातफरी में बदल गया।
ड्राइवर बना हीरो, तोड़ डाला शीशा
जान बचाने की कोशिश में अनवर ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने तुरंत पास पड़ा एक पत्थर उठाया और पूरी ताकत से कार का शीशा तोड़ दिया। सबसे पहले नदीम को बाहर निकाला, फिर पीछे की सीटों पर बैठे पांचों बच्चों और साथी अजय को एक-एक कर सुरक्षित बाहर खींच लिया। यह सब कुछ चंद सेकंडों में हुआ — थोड़ी सी भी देर होती तो यह हादसा बड़ी त्रासदी में बदल सकता था।
पानी-मिट्टी डालकर बुझाई आग, पर गाड़ी बनी राख
आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि कुछ ही मिनटों में पूरी स्कॉर्पियो जलकर राख हो गई। वाहन धधकते अंगारों में तब्दील हो चुका था। राहगीरों ने पानी और मिट्टी डालकर लपटों को काबू में करने की भरसक कोशिश की, मगर तब तक गाड़ी और उसमें रखा सारा सामान पूरी तरह खाक हो चुका था।
मायरा का सामान, 2 लाख रुपए नकदी, गहने सब खाक
अनवर ने बताया कि गाड़ी में शादी के मायरे के लिए करीब 8 लाख रुपये का सामान रखा था, जिसमें 2 लाख रुपये नकद, एक तोला सोना और लगभग 60 तोला चांदी शामिल थी। वाहन सहित कुल नुकसान करीब 10 लाख रुपये का हुआ। सौभाग्य से सभी लोग समय रहते बाहर निकल आए, जिससे बड़ा हादसा टल गया। घटना में नदीम लगभग 10 प्रतिशत झुलस गया, जिसे गुढ़ागौडजी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चालक की सूझबूझ और त्वरित निर्णय ने पूरे परिवार को एक भीषण त्रासदी से बचा लिया।
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