Phalodi Road Accident: राजस्थान के फलोदी में हुए भीषण सड़क हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। अदालत ने इस मामले में स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), सड़क परिवहन मंत्रालय और गृह मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि संबंधित एजेंसियां देशभर के एक्सप्रेस हाईवे का सर्वे कर दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करें।
मुख्य सचिवों को तलब
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी पूछा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे कितने ढाबे संचालित हो रहे हैं और क्या उन्हें आवश्यक अनुमति प्राप्त है। अदालत ने इस मामले में राजस्थान और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को तलब करने का निर्देश दिया है। साथ ही, वरिष्ठ अधिवक्ता आत्माराम नाडकर्णी को अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया गया है ताकि वे अदालत की सहायता कर सकें।
फलोदी में 15 श्रद्धालुओं की मौत
यह मामला 2 नवंबर को राजस्थान के फलोदी में हुए दर्दनाक हादसे से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, जोधपुर से बीकानेर तीर्थ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं से भरे एक टैंपो ट्रैवलर की सड़क किनारे खड़े ट्रक से भीषण भिड़ंत हो गई थी। इस हादसे में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए थे।
तेलंगाना में भी 20 की गई थी जान
इसी तरह, अगले दिन 3 नवंबर को तेलंगाना के बीजापुर हाईवे पर एक अन्य हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी। इन दो घटनाओं के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सड़कों की सुरक्षा व्यवस्था और हाईवे डिज़ाइन में खामियों पर चिंता जताई है।
राष्ट्रीय स्तर पर जांच की तैयारी
कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल राजस्थान और तेलंगाना के हादसों की विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि क्या देशभर के राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थिति पर विस्तृत जांच की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जन सुरक्षा सर्वोपरि है, और सड़क हादसों में हो रही लगातार मौतों को अब अनदेखा नहीं किया जा सकता।

