राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी है। मानसून में हुई अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसलें बुरी तरह खराब हो गई थीं, जिससे किसान भारी नुकसान में थे।
अब राज्य सरकार ने राहत की घोषणा की है और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि मुआवजे के रूप में मंजूर की है। यह मदद प्रदेश के 31 जिलों के 50 लाख से अधिक प्रभावित किसानों में वितरित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं कि किसानों को जल्द से जल्द यह राहत राशि पहुंचाई जाए।
राजस्थान के किसानों ने भजनलाल सरकार के फैसले से राहत की साँस ली है। इस साल राज्य में औसत से दोगुनी बारिश हुई थी, जिससे कई जगह अतिवृष्टि हुई और किसानों की फसलें खेतों में ही बर्बाद हो गईं।
फसल खराब होते देख किसानों की आंखों में आंसू थे और उनकी रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई थी। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की थी, और इस मुद्दे ने राजनीति में भी काफी चर्चा पैदा कर दी थी।
हजारों गांव घोषित हुए अभावग्रस्त
राज्य सरकार ने किसानों की मदद के लिए गिरदावरी के आदेश जारी किए थे और नुकसान का आकलन किया गया। इसमें सामने आया कि 31 जिले अतिवृष्टि की चपेट में हैं।
इसके बाद सरकार ने प्रभावित हजारों गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया और किसानों को मुआवजा देने का निर्णय लिया। अब सरकार ने 31 जिलों के 50 लाख से अधिक किसानों के लिए कुल एक हजार करोड़ रुपये की राहत राशि मंजूर कर दी है।
एसडीआरएफ से किसानों को राहत
सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए एसडीआरएफ से कृषि राहत राशि वितरित करने की मंजूरी दे दी है। अब 31 जिलों के 50 लाख से अधिक किसानों को एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की राहत राशि बांटी जाएगी।
सरकार का कहना है कि किसानों की भलाई उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और वह उनके हर सुख-दुख में हमेशा उनके साथ खड़ी है।
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