दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हुए। इस धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियां लगातार सतर्क हैं और जांच के लिए गृह मंत्रालय ने मामला एनआईए को सौंप दिया है। दिल्ली ब्लास्ट के बाद राजस्थान, गुजरात और हरियाणा समेत कई राज्यों में पुलिस और एटीएस की टीमों ने आतंकियों के नेटवर्क का पता लगाने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। इसी बीच राजस्थान में भी सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
रात 7 से सुबह 6 प्रतिबंध
राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास सुरक्षा बढ़ाते हुए विशेष प्रतिबंध लागू किए गए हैं। श्रीगंगानगर जिले में जिला कलेक्टर डॉ. मंजू ने आदेश जारी कर सीमा से 3 किलोमीटर तक के क्षेत्र में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई है। यह आदेश शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा, यानी इस समय के दौरान कोई भी व्यक्ति इस क्षेत्र में नहीं जा सकेगा।
तेज लाइट और आवाज़ पर रोक
श्रीगंगानगर में जिला कलेक्टर के आदेश के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा से तीन किलोमीटर के आसपास क्षेत्र में आवाजाही पर दो महीने तक रोक रहेगी। इस क्षेत्र में तेज रोशनी या जोर-जोर से आवाज करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल भी निषिद्ध रहेगा। खेती करने वाले किसानों को अब सीमा के पास काम करने के लिए बॉर्डर पोस्ट अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी; बिना अनुमति कोई भी किसान खेती नहीं कर सकेगा। कलेक्टर ने यह कदम अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ और किसी भी तरह की असुरक्षित गतिविधि को रोकने के लिए उठाया है।
हनुमानगढ़ से बरामद हुए हथियार
दिल्ली ब्लास्ट के बाद गुजरात एटीएस ने तीन आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से हथियार भी बरामद हुए। जांच में सामने आया कि ये हथियार राजस्थान के सीमावर्ती जिले हनुमानगढ़ से लाए गए थे। गुजरात एटीएस के डीआईजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद इसकी पुष्टि की। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, सीमा पार तस्करी में ड्रोन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। 2021 से अब तक ड्रोन के जरिए 60 तस्करी के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 56 श्रीगंगानगर बॉर्डर और 4 बीकानेर बॉर्डर से जुड़े हैं। अब केवल नशे (हेरोइन) की खेप ही नहीं, बल्कि हथियार की सप्लाई भी ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से भारत में आ रही है।


