Rajasthan News: गुजरात ATS की गिरफ्त में आए तीन आरोपियों के पूछताछ से सुरक्षित सीमा पार से हथियारों की आपूर्ति का भयावह नेटवर्क उजागर हुआ है। शुरुआती जांच में पता चला है कि पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के माध्यम से भारत के सीमावर्ती हिस्सों में ड्रॉप किए गए हथियार हनुमानगढ़ के स्लीपर-सेल द्वारा उठाकर, पुराने शराब तस्करी रूट के जरिए गुजरात तक पहुंचाए जा रहे थे। राजस्थान एटीएस, गुजरात एटीएस और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर मामले की गहन तहकीकात कर रही हैं।
मुख्य बातें
- गुजरात एटीएस ने तीन आरोपियों अहमद मोहियुद्दीन सैयद (हैदराबाद), सुलेमान शेख (शामली, यूपी) व मोहम्मद सुहैल (लखीमपुर, यूपी) को गिरफ्तार किया। इनके पास से 3 पिस्टल व बड़ी मात्रा में कारतूस बरामद।
- प्रारम्भिक पूछताछ में बताया गया कि हथियार पाकिस्तान की ओर से ड्रोन ड्रॉप किए गए थे।
- हथियार हनुमानगढ़ के स्लीपर-सेल से उठाकर भारतमाला एक्सप्रेस-वे (अमृतसर—राजस्थान—गुजरात) के पुराने शराब तस्करी रूट से कलोल (अहमदाबाद के पास) तक भेजे गए।
- कलोल में एक शख्स (अफगानी अबू खदीजा के नाम का उल्लेख) ने यूपी के दोनों आरोपियों को हथियार सौंपे, उसके बाद वे अहमद मोहियुद्दीन तक पहुंचे।
- गिरफ्तार आरोपियों के पास लखनऊ, दिल्ली व अहमदाबाद के कई ठिकानों की रैकी लिस्ट मिली, मोहियुद्दीन के पाकिस्तान में अनेक हैंडलरों से संपर्क के संकेत भी मिले।
- स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा-कड़ा कर दिया — सीमावर्ती जिलों में रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक आवागमन पर रोक, पाकिस्तानी सिम पर प्रतिबंध और सख्त बीएसएफ/सेना अनुमति नियम लागू किए गए हैं।
प्रशासनिक और सुरक्षा कदम
जिला कलेक्टर डॉ. मंजू के आदेशानुसार पाकिस्तान से सटे श्रीगंगानगर, श्रीकरणपुर, पदमपुर, रायसिंहनगर, अनूपगढ़ व घड़साना के 3-किमी इलाके में रात 7 बजे से सुबह 6 बजे तक आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। किसानों समेत सभी नागरिकों को बीएसएफ-BOP या सेना से लिखित परमिशन लेना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही घरों/वाहनों पर तेज रोशनी व तेज म्यूजिक पर रोक भी लगाई गई है। प्रशासन ने पाकिस्तानी मोबाइल सिम के उपयोग को भी राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से बैन कर दिया है।
एटीएस की कार्रवाई और आगे की जांच
गुजरात एटीएस ने जिन खुलासों का हवाला दिया है, उसके आधार पर राजस्थान एटीएस की टीम अब हनुमानगढ़ में उस स्लीपर-सेल की पहचान और धरपकड़ में लगी है जो सीमा से हथियार उठाकर डिलीवरी तक पहुंचाती थी। एटीएस IGP विकास कुमार ने कहा, “अगर ऐसी गतिविधियों में राजस्थान का कोई लिंक, किसी व्यक्ति का नाम या हवाला आएगा तो कानून अपना काम करेगा।
हमारी स्थापित प्रक्रिया है कि अगर हमारे यहां कोई पकड़ा जाता है तो बाहर की टीम आती है और पूछताछ करती है। इसी तरह अगर बाहर कोई पकड़ा जाता है तो हमारी टीम वहां जाकर पूछताछ करेगी। गुजरात में भी हमारी टीम गई हुई है।” उन्होंने साफ किया कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि हथियार किस प्रकार के हैं और किस किसके लिए थे जांच चल रही है।
आरोपियों से पूछताछ जारी
मामले की परिस्थितियां अभी पूरी तरह साफ नहीं हुई हैं। गिरफ्तार आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है तथा राजस्थान-गुजरात एटीएस, स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर ट्रांज़िट रेकॉर्ड, मोबाइल लोकेशन, पेट्रोल/फास्ट ट्रांसपोर्ट रजिस्ट्रेशन और सीमा पर ड्रोन गतिविधि के रिकॉर्ड खंगाल रही हैं।
यह भी पढ़ें: CBSE फिर बदलाव की राह पर! दो दशक में क्यों नहीं टिक पाया एक भी सिस्टम?


