कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई आज (19 नवंबर) सुबह लगभग 10 बजे अमेरिका से डिपोर्ट होकर दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने वाला है। उसकी भारत वापसी को NIA और राजस्थान पुलिस की महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है, क्योंकि अनमोल के ज्यादातर आपराधिक मामले सीधे तौर पर राजस्थान से जुड़े हैं। राज्य के जयपुर, जोधपुर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में उसके खिलाफ 21 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। राजस्थान पुलिस उसे पकड़ने के लिए पहले ही एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर चुकी है।
अनमोल की पूछताछ शुरू तैयारी
दिल्ली पहुंचने के बाद अनमोल बिश्नोई को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीधे जयपुर लाया जाएगा, जहां पुलिस उसकी विस्तृत पूछताछ की तैयारी कर चुकी है। राजधानी जयपुर में उसके खिलाफ जी क्लब पर फायरिंग सहित रंगदारी, धमकी और ब्लैकमेलिंग के सात गंभीर मामले दर्ज हैं। ये प्रकरण शहर के प्रमुख थानों—सांगानेर, रामनगरिया, प्रतापनगर, अशोकनगर, हरमाड़ा और बनीपार्क—में पंजीकृत हैं।
जोधपुर में अनमोल का आपराधिक साम्राज्य
अनमोल के खिलाफ कार्रवाई का दायरा सिर्फ जयपुर तक सीमित नहीं है। जोधपुर के पूर्व और पश्चिम दोनों जिलों में भी उसके खिलाफ कुल आठ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट से प्राप्त रिकॉर्ड उसकी आपराधिक गतिविधियों और पुराने नेटवर्क की स्पष्ट तस्वीर पेश करते हैं।
वासुदेव इसरानी हत्याकांड (2017): 2017 में व्यापारी वासुदेव इसरानी से फिरौती की मांग पूरी न होने पर उनकी दुकान पर फायरिंग की गई थी। गंभीर रूप से घायल इसरानी ने उसी वर्ष सितंबर में दम तोड़ दिया। जांच आगे बढ़ी तो इस वारदात की पृष्ठभूमि में अनमोल की भूमिका प्रमुख रूप से सामने आई।
जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद रहने के बावजूद अनमोल अपनी आपराधिक गतिविधियों से दूर नहीं हुआ। 2018, 2020 और 2021 में जेल प्रशासन ने उसके पास से कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए। जांच में सामने आया कि वह इन्हीं उपकरणों के माध्यम से जेल के भीतर से ही फिरौती और धमकी का नेटवर्क संचालित करता रहा।
फिंगरप्रिंट गायब, जांच अटक गई
अनमोल बिश्नोई पहले जोधपुर सेंट्रल जेल में सजा काट चुका है और 7 अक्टूबर 2021 को उसकी रिहाई हुई थी। अब उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए NIA ने राजस्थान पुलिस मुख्यालय के जरिए जोधपुर कमिश्नरेट और जेल प्रशासन से उसके आपराधिक मामलों, केस रिकॉर्ड और फिंगरप्रिंट की जानकारी मांगी। जोधपुर पुलिस ने केस फाइलें और गिरफ्तारी से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध करवा दिए, लेकिन जेल प्रशासन के पास उसके फिंगरप्रिंट का रिकॉर्ड नहीं मिला। फिंगरप्रिंट न होना उसकी पहचान की पुष्टि और पुराने मामलों की कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण बाधा बन गया है।
रिहाई के बाद सीधे विदेश
2021 में जमानत पर छूटने के बाद अनमोल बिश्नोई फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके विदेश निकल गया था। वहीं से वह कई अंतरराष्ट्रीय अपराधों—जैसे सिद्धू मूसेवाला हत्या, बाबा सिद्दीकी हत्याकांड और सलमान खान के घर फायरिंग—की साजिशों को संचालित करता रहा और लॉरेंस बिश्नोई गैंग की ऑनलाइन धमकी गतिविधियों को भी निर्देशित करता रहा। अब उसके भारत लौटने और गिरफ्तारी से उम्मीद है कि राजस्थान में उसके 21 से अधिक लंबित मामलों के साथ-साथ उसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की परतें भी खुलेंगी।
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