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Sunday, November 30, 2025

जोधपुर की ठंडी हवाओं ने सोनम वांगचुक को याद दिलाई लद्दाख की बर्फीली धूप और ठंडी रातें

Newsजोधपुर की ठंडी हवाओं ने सोनम वांगचुक को याद दिलाई लद्दाख की बर्फीली धूप और ठंडी रातें

जोधपुर में ठंडी हवाओं के साथ सर्दियों की शुरुआत हो गई है। लोग अब गर्म कपड़े पहनने लगे हैं। वहीं, इस मौसम का असर लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक पर भी पड़ा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

जेल की सूखी और ठंडी हवा सोनम वांगचुक को उनके घर लद्दाख की बर्फीली हवाओं की याद दिला रही है। उनकी पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो ने हाल ही में उनसे मिलने के बाद बताया कि सोनम ने कहा कि यह ठंडी हवा उन्हें घर जैसा अहसास देती है, लेकिन साथ ही शहर का प्रदूषण देखकर उन्हें दुख भी होता है।

लद्दाख याद दिलाती ठंडी हवाएं

सोनम वांगचुक अपने घर लद्दाख से करीब 1700 किलोमीटर दूर जोधपुर में हैं, लेकिन यहां की ठंडी हवाएं, जो हिमालय से आती हैं, उन्हें घर की याद दिला रही हैं। ये हवाएं पूरे उत्तर भारत में ठंड फैलाने का काम कर रही हैं। उनकी पत्नी गीतांजलि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सोनम के ये शब्द साझा किए हैं।

सोनम ने कहा कि जब ये ठंडी हवाएं आती हैं तो उन्हें ऐसा लगता है जैसे वे लद्दाख में हैं। लेकिन औद्योगिक प्रदूषण मिलने से हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है और एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ जाता है, जिससे उन्हें दुख होता है। वे सोचते हैं कि ताजी हवा और साफ पानी की कीमत पर तेज विकास और जीडीपी की दौड़ कितनी बेकार है। जेल में रहते हुए भी सोनम ऐसे पर्यावरण मुद्दों पर लगातार सोचते रहते हैं।

लद्दाख और राजस्थान की तुलना

सोनम ने अपनी पत्नी से लद्दाख और जोधपुर के मौसम की तुलना की। लद्दाख का ठंडा रेगिस्तान, जहां तापमान माइनस 30 डिग्री तक गिर जाता है, और राजस्थान का गर्म रेगिस्तान, जहां गर्मी 50 डिग्री तक पहुँचती है, दोनों में एक खास समानता है। दोनों जगहों का जीवन हिमालय से जुड़ा है। हिमालय के ग्लेशियरों से पिघला पानी इंदिरा गांधी नहर के जरिए राजस्थान तक पहुँचता है और इस नहर से लाखों लोग पानी पाते हैं।

सोनम कहते हैं कि लद्दाख के लोग भी इसी पानी पर निर्भर हैं। इसलिए वे सभी से अपील करते हैं कि पानी की हर बूंद की कद्र करें और बर्बादी रोकें। नए साल के संकल्प के रूप में वे हाथ जोड़कर कहते हैं कि हर बूंद महत्वपूर्ण है। जेल में रहते हुए भी उनकी यह सोच दिखाती है कि वे कितने समर्पित शिक्षक और पर्यावरण प्रेमी हैं।

जोधपुर की ठंड ने सोनम वांगचुक को दिलाई लद्दाख की याद, कहा- दो रेगिस्तानों की समान कहानी

शहर में नवंबर के आते ही ठंड noticeably बढ़ गई है। महीने की शुरुआत में अधिकतम तापमान 30-32 डिग्री के बीच था, लेकिन अब न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री तक गिर गया है। 18 नवंबर को न्यूनतम 11 और अधिकतम 28 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, इस महीने सामान्य तौर पर अधिकतम 28-30 और न्यूनतम 13-17 डिग्री रहता है, लेकिन इस बार ठंड सामान्य से ज्यादा है।

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से ठंडी हवाएं चल रही हैं, जो लद्दाख जैसी सूखी ठंड पैदा कर रही हैं। सुबह कोहरा देखने को मिल सकता है, लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। रातें खासकर ज्यादा ठंडी होने लगी हैं, जिससे लोग घर में ही रहने को मजबूर हैं।

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