14.6 C
Jaipur
Monday, December 1, 2025

कौन थे महाराजा सूरजमल? नागौर में मूर्ति लगाने पर क्यों हुआ हंगामा; जानें

Newsकौन थे महाराजा सूरजमल? नागौर में मूर्ति लगाने पर क्यों हुआ हंगामा; जानें

Maharaja Surajmal: राजस्थान के महान जाट वीर शासक महाराजा सूरजमल को लेकर एक बार फिर विवाद भड़क उठा है। नागौर जिले के जोधियासी गांव में सार्वजनिक स्थल पर मूर्ति स्थापना को लेकर तनाव बढ़ गया है। सोमवार देर रात बस स्टैंड क्षेत्र में अचानक महाराजा सूरजमल की मूर्ति स्थापित कर दी गई, जिसके बाद मंगलवार सुबह दो पक्ष आमने-सामने आ गए और धरने पर बैठ गए।

एक साल पुराना विवाद फिर भड़का

स्थानीय लोगों के अनुसार, मूर्ति स्थापना को लेकर यह विवाद पिछले एक वर्ष से चल रहा था। इससे पहले भी इस स्थान पर सूरजमल की मूर्ति लगाने की कोशिश की गई थी, लेकिन विरोध और प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया था।

रातों-रात मूर्ति लगने पर बढ़ा तनाव

मंगलवार सुबह जैसे ही लोगों को पता चला कि सार्वजनिक स्थल पर बिना अनुमति मूर्ति स्थापित कर दी गई है, माहौल तनावपूर्ण हो गया। दो गुट आमने-सामने आ गए। गरम माहौल को देखते हुए पुलिस और आरएसी तैनात करनी पड़ी। प्रशासनिक अधिकारी भी तुरंत मौके पर पहुंचे।

Rajasthan Bharatpur Maharaja Surajmal story| भरतपुर के महाराजा सूरज मल ने  जीते 80 युद्ध

विवाद की जड़ क्या है?

जानकारी के अनुसार, गांव में पहले तीन मूर्तियां लगाने का प्रस्ताव था भगवान परशुराम, महाराणा प्रताप और महाराजा सूरजमल लेकिन सोमवार देर रात सिर्फ महाराजा सूरजमल की मूर्ति ही स्थापित कर दी गई, जिसे लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाए।

उनका कहना है कि सार्वजनिक भूमि पर किसी भी स्थायी संरचना के लिए आधिकारिक अनुमति अनिवार्य होती है। विरोधी पक्ष का आरोप है कि यह पहल ऐतिहासिक भावना से ज्यादा राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित है। बताया जा रहा है कि जाट समाज इस मूर्ति के लिए पहले से चंदा जुटा रहा था, जबकि गांव के सरपंच के समर्थक गुट ने इसे पहले स्थापित कर प्रतिष्ठा हासिल करने की कोशिश की।

कौन थे महाराजा सूरजमल?

महाराजा सूरजमल (1707–1763) जाट समुदाय के सबसे वीर और रणनीतिक शासकों में गिने जाते हैं। वे भरतपुर राज्य के संस्थापक थे और अपनी राजनीतिक दूरदर्शिता, युद्ध कौशल और वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपने शासनकाल में 80 से अधिक युद्ध लड़े। 1761 में मुगलों को हराकर आगरा किले पर कब्जा जमाया। भरतपुर का अभेद किला लोहागढ़ उनकी ही देन है।

माहौल शांत करने में जुटा प्रशासन

फिलहाल पुलिस प्रशासन ने स्थिति पर नियंत्रण की बात कही है। दोनों पक्षों को बातचीत के लिए बुलाया गया है और मूर्ति की वैधता, अनुमति और आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

यह भी पढ़ें: उदयपुर में फिर चमकेगी रॉयल वेडिंग की दास्तां, ट्रम्प जूनियर पहली बार परिवार संग आएंगे; 21-24 नवंबर को रहेगा VVIP मूवमेंट, जानें कौन है…

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles