Rajasthan politics: राजस्थान में शादियों के शादी–सीजन के बीच एक दिलचस्प राजनीतिक बयानबाज़ी सामने आई है। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाया कि पुलिस दूल्हों का सड़कों पर “जोश ठंडा” कर रही है। उनका कहना है कि शादी के बाद जब दूल्हा दुल्हन को लेकर सड़कों पर निकल रहा है, तो पुलिस पत्नी के सामने उसका चालान काट रही है, जिससे उसका आत्मविश्वास टूट जाता है।
खाचरियावास ने कहा, शादी में उमंग और उत्साह होता है। सरकार उस पर पानी न फेरे। एक दूल्हे ने मुझे फोन लगाया था। शादी के अगले ही दिन दुल्हन को लेकर निकला और पुलिस ने बीच सड़क पर चालान कर दिया। पुलिस को कम से कम इतनी इज्जत तो करनी चाहिए कि दूल्हों का जोश ठंडा न करें। उन्होंने अपील की कि शादी के मौसम में बारात या दूल्हे का चालान न काटा जाए।
मंत्री अविनाश गहलोत का जवाब
खाचरियावास के आरोपों पर भजनलाल सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने पलटवार किया। उन्होंने कहा “दूल्हों को टारगेट करने जैसा कुछ नहीं है। ये पूरी तरह खाचरियावास की कल्पना है। ट्रैफिक नियमों की पालना सभी के लिए जरूरी है। दूल्हों की आड़ में वे नियमों का मज़ाक न बनाएं। गहलोत का कहना है कि सरकार किसी के साथ पक्षपात नहीं कर रही, नियम तोड़ने वाले चाहे दूल्हे हों या साधारण वाहन चालक—किसी को नहीं छोड़ा जाएगा।
शादी का सीजन और सड़कों पर दूल्हों के काफिले
राजस्थान में इस समय शादियों का पीक सीजन है। सड़कों पर बारातें, बैंड–बाजा और दूल्हों के कार काफिले आम नज़ारा बने हुए हैं। लेकिन इसी बीच पिछले 15 दिनों में कई बड़ी सड़क दुर्घटनाओं के बाद पुलिस और परिवहन विभाग पूरी तरह एक्शन मोड में है। बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, तेज़ रफ्तार, ओवरलोड बारात बसें इन सभी पर सख्ती से कार्रवाही की जा रही है। और इसी सख्ती की जद में दूल्हों की गाड़ियाँ भी आ रही हैं।
पुलिस के ‘चालान-वाले स्वागत’ से चौंकते हैं बाराती
संयोग ये है कि पुलिस की इस कड़ाई का समय शादियों के सीजन से टकरा गया है। बारातें अक्सर अपने ही उत्साह में ट्रैफिक नियमों को भूल जाती हैं, लेकिन सड़क पर तैनात ट्रैफिक पुलिस उन्हें ‘चालान के साथ स्वागत’ करती दिखाई दे रही है।


