मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर में दो महीने बाद खुले भंडार की दानराशि की गिनती जारी है। अब तक दो चरणों में रिकॉर्ड 20 करोड़ 89 लाख रुपये गिने जा चुके हैं, और तीसरे चरण की काउंटिंग शनिवार (22 नवंबर) को होगी। इस बार पहली बार गिनती मंदिर परिसर के सत्संग हॉल में कराई जा रही है,
जबकि परंपरागत रूप से यह प्रक्रिया मंदिर के चौक में होती थी। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि सिर्फ दो चरणों में ही लगभग 21 करोड़ रुपये की गिनती पूरी हो चुकी है।
भंडार से निकली राशि को बोरो में भरकर सत्संग हॉल लाया गया, जहां सबसे पहले 500 रुपये के नोटों की छंटनी और बंडल तैयार किए जाते हैं, फिर 200 रुपये के नोटों और उसके बाद छोटे नोटों की गिनती होती है। मासिक भंडार की पूरी प्रक्रिया आमतौर पर 5 से 6 चरणों में पूरी होती है।
दान गिनती में 200 कर्मचारी
श्री सांवलिया सेठ मंदिर का भंडार वर्ष में 11 बार खोला जाता है, और बढ़ती दानराशि को देखते हुए नोटों की गिनती के लिए कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। लगभग 200 कार्मिक इस प्रक्रिया में तैनात हैं।
गणना स्थल पर सीसीटीवी और मैनुअल कैमरों से कड़ी निगरानी रखी जाती है तथा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए गिनती क्षेत्र में मोबाइल फोन और पर्स ले जाना सख़्त मना है।
सोना-चांदी और विदेशी मुद्राएँ गिनी जाएंगी
दानपेटियों से निकली राशि में नोटों के अलावा सोना-चांदी, विदेशी मुद्राएँ और विभिन्न मूल्यवर्ग के सिक्कों की भी सावधानीपूर्वक छंटनी की जा रही है। इस बार दो माह बाद खुले भंडार से रिकॉर्ड स्तर का चढ़ावा निकलने का अनुमान है।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, हर माह खुलने वाले भंडार से औसतन 26–27 करोड़ रुपये प्राप्त हो रहे हैं, और लगभग हर बार पिछली गणना का रिकॉर्ड पार हो जाता है।
दानपेटी 19 नवंबर को खुली
सांवलिया सेठ के भंडार को अब 15 दिन बाद दोबारा खोला जाएगा। श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल की सीईओ प्रभा गौतम, अध्यक्ष हजारी दास वैष्णव सहित प्रशासनिक अधिकारियों और समिति सदस्यों की उपस्थिति में 19 नवंबर को विशेष भोग आरती के बाद दानपेटी का उद्घाटन किया गया था।
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