श्रीगंगानगर में विकास अधिकारी विनोद कुमार रैगर को हटाने को लेकर चल रहा विवाद मंगलवार देर रात प्रशासनिक हस्तक्षेप के साथ थम गया। लंबे समय से चल रहे विरोध, सरपंचों के आंदोलन और ग्रामीणों द्वारा पानी की टंकी पर चढ़कर दबाव बनाने के बाद प्रशासन ने रैगर को एपीओ कर दिया। स्थानीय स्तर पर उनकी निलंबन की मांग पिछले कई हफ्तों से उठ रही थी, जो अंततः इस निर्णय के साथ पूरी होती नजर आई।
देर रात जारी हुआ आदेश
विवाद बढ़ने के बाद पंचायती राज विभाग ने देर रात कार्रवाई तेज की। उपायुक्त और संयुक्त शासन सचिव राम नारायण बड़गुजर ने रात करीब 10 बजे आदेश जारी करते हुए बीडीओ विनोद कुमार रैगर को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया। निर्देशों के अनुसार, अब अगली नियुक्ति तक उनका मुख्यालय जयपुर निर्धारित किया गया है।
आदेश के बाद भी सरपंच अड़े
बीडीओ पर कार्रवाई की खबर फैलते ही समर्थकों में उत्साह फैल गया और कई लोगों ने मौके पर ढोल बजाकर खुशी जताई। हालांकि, पानी की टंकी पर चढ़े छह सरपंच और तीन ग्रामीण शुरू में नीचे आने को तैयार नहीं थे। करीब एक घंटे की समझाइश और पूर्व विधायक पवन दुग्गल तथा अन्य सरपंचों के हस्तक्षेप के बाद वे अंततः रात करीब 11:30 बजे नीचे उतर आए, जिससे प्रशासन ने राहत महसूस की।
उन्हें नीचे उतारने के लिए मौके पर डीएसपी प्रशांत कौशिक, तहसीलदार दिव्या चावला, एसएचओ ईश्वर जांगिड़ और जलदाय विभाग के एईएन गौरव कंबोज लगातार समझाइश में जुटे रहे। प्रशासनिक टीम देर रात तक बातचीत करती रही ताकि स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभाला जा सके।
बुधवार को तय होगी रणनीति
पूर्व विधायक पवन दुग्गल ने जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही के कारण बीडीओ पर कार्रवाई में अनावश्यक देरी हुई। उन्होंने बताया कि जब यह मामला सीधे सरकार के संज्ञान में आया, तो तुरंत कार्रवाई की गई। साथ ही दुग्गल ने कहा कि बुधवार को धरना स्थल पर बैठक कर आंदोलन की आगे की रणनीति तय की जाएगी।
सरपंचों ने बीडीओ निलंबन मांगा