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Thursday, August 21, 2025

कोविड-19: देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 5,000 से अधिक हुई

Newsकोविड-19: देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 5,000 से अधिक हुई

नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,000 से अधिक हो गई है और केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है जिसके बाद गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली सबसे अधिक प्रभावित हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े से यह जानकारी मिली।

संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर केंद्र अस्पतालों में कोविड-19 संबंधी तैयारियों की जांच के लिए ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित कर रहा है।

सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर ऑक्सीजन, पृथक बिस्तर, वेंटीलेटर और जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

भारत में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 5,364 है और पिछले 24 घंटे में संक्रमण से चार लोगों के मरने की सूचना है।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अधिकतर मरीजों में संक्रमण के हल्के लक्षण हैं और घर पर ही उपचार के बाद स्वस्थ हो गए।

इस साल जनवरी के बाद से देश में कोविड-19 से 55 लोगों के मरने की सूचना है। 22 मई तक देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 257 थी।

कोविड-19 की मौजूदा स्थिति और तैयारी के उपायों का आकलन करने के लिए आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपात प्रबंधन प्रतिक्रिया (ईएमआर) प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) और दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों के प्रतिनिधियों तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से प्रतिनिधियों के साथ स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में दो जून और तीन जून को कई तकनीकी समीक्षा बैठकें की गईं।

आधिकारिक सूत्रों ने चार जून को बताया कि आईडीएसपी के तहत राज्य एवं जिला निगरानी इकाइयां इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों (आईएलआई) और गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियों (एसएआरआई) की करीब से निगरानी कर रही हैं।

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया था, ‘‘दिशा निर्देश के अनुसार एसएआरआई के सभी मामलों में और आईएलआई से संबंधित पांच प्रतिशत मामलों में जांच की सिफारिश की गई है और एसएआरआई की पुष्टि वाले नमूनों को आईसीएमआर वीआरडीएल नेटवर्क के माध्यम से संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जा रहा है।’’

भाषा सुरभि प्रशांत

प्रशांत

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