सैन फ्रांसिस्को, 13 जून (एपी) अमेरिका की एक अपीलीय अदालत ने एक संघीय न्यायाधीश के उस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कैलिफोर्निया से ‘नेशनल गार्ड’ के जवानों को हटाने का निर्देश दिया गया था।
ट्रंप ने आव्रजन छापों के विरोध में लॉस एंजिलिस में हुए प्रदर्शनों के बाद जवानों को कैलिफोर्निया में तैनात किया था।
अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर 17 जून को सुनवाई करेगी।
बृहस्पतिवार रात का यह फैसला संघीय न्यायाधीश के उस आदेश के कुछ ही घंटों बाद आया जो शुक्रवार दोपहर से प्रभावी होना था। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि सेना की तैनाती अवैध है और दसवें संशोधन तथा ट्रंप के वैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।
यह आदेश केवल ‘नेशनल गार्ड’ के जवानों पर लागू होता है, नौसेना पर नहीं जिन्हें लॉस एंजिलिस के विरोध प्रदर्शनों के दौरान तैनात किया गया था। न्यायाधीश ने कहा कि वह नौसेना पर कोई फैसला नहीं सुनाएंगे क्योंकि उन्होंने अभी मोर्चा नहीं संभाला है।
वहीं, आव्रजन छापों के खिलाफ पूरे अमेरिका में प्रदर्शन बढ़ रहे हैं। कई जगहों पर जहां ‘इमिग्रेशन और कस्टम्स इंफोर्समेंट’ (आईसीई) के खिलाफ प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किए गए, वहीं कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी देखी गई।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
आव्रजन कानूनों को सख्ती से लागू करने के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में ‘नेशनल गार्ड’ के लगभग 4,000 सैनिकों और नौसेना के 700 जवानों की तैनाती का आदेश दिया था।
उग्र विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए अधिकारियों ने लॉस एंजिलिस और स्पोकेन में कर्फ्यू लगा दिया है। टेक्सास और मिसौरी के रिपब्लिकन गवर्नर ने प्रदर्शनों से निपटने के लिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों की मदद के लिए सैन्य जवानों को तैयार रहने को कहा है।
एपी खारी मनीषा वैभव
वैभव