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Monday, August 18, 2025

“लालू प्रसाद पर बाबा साहब का अपमान करने का आरोप, भाजपा ने जताई कड़ी आपत्ति”

News"लालू प्रसाद पर बाबा साहब का अपमान करने का आरोप, भाजपा ने जताई कड़ी आपत्ति"

पटना, 14 जून (भाषा) बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद पर आरोप लगाया कि उन्होंने बाबा साहब आंबेडकर का चित्र अपने पैरों के पास रखवाकर उनका “अपमान” किया है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने यहां प्रेसवार्ता में इस घटना का एक वीडियो क्लिप भी दिखाया। यह घटना तब की है जब पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद इस सप्ताह के प्रारंभ में अपना 78वां जन्मदिन मना रहे थे।

वीडियो में नजर आ रहा है कि बीमार नेता लालू प्रसाद एक सोफे पर बैठे हैं और उन्होंने पैर पास के सोफे पर रखे हुए हैं। एक समर्थक आंबेडकर की तस्वीर लेकर कमरे में प्रवेश करता है और अभिवादन करने से पहले उसे राजद प्रमुख के पैरों के पास रख देता है।

चौधरी ने आरोप लगाया, ‘‘यह इस बात का सबूत है कि लालू प्रसाद दलितों को तुच्छ समझते हैं और दलित वर्ग के सबसे बड़े नेता के प्रति उनके मन में कोई सम्मान नहीं है। वह तो अपने पैरों के पास भगवान की तस्वीरें भी रखवा सकते हैं।’’

चौधरी ने दो दशक से अधिक समय पहले राजद से ही अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था।

उपमुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि राजद सुप्रीमो के ‘अहंकार’ के चलते नीतीश कुमार और जॉर्ज फर्नांडिस जैसे पुराने सहयोगियों को उनसे अलग होना पड़ा एवं “कमजोर वर्गों के मतदाता उनसे छिटक गये”।

इस घटना पर कैबिनेट मंत्री जनक राम और प्रदेश इकाई की उपाध्यक्ष अनामिका पासवान जैसे भाजपा के दलित नेताओं ने भी नाराजगी जताई तथा तीखी प्रतिक्रिया दी।

जनक राम ने कहा, ‘‘बिहार की 14 करोड़ जनता शर्मसार है, इसलिए राजद सुप्रीमो के पूरे परिवार को माफी मांगनी चाहिए। इन नेता ने तलवार से केक काटा, जो दर्शाता है कि उनकी पार्टी सार्वजनिक मामलों में बाहुबल के इस्तेमाल को वापस लाना चाहती है, लेकिन राजग ने बड़ी मेहनत से इसपर पूर्ण विराम लगा दिया है।’’

अनामिका पासवान ने कहा, ‘‘जब लालू प्रसाद के चरणों में तस्वीर रखी गयी, तो उन्होंने उसे हाथ में लेने की भी कोशिश नहीं की। इससे पहले राजद कार्यालय में कूड़े के ढेर में बाबा साहब का चित्र मिलने का मामला भी सामने आया था। यह राजद सुप्रीमो के उस दावे की कलई खोलता है जिसमें वे खुद को दलितों का पैरोकार बताते हैं।’’

नाम न बताने की शर्त पर राजद नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि जो कुछ हुआ वह ‘‘जानबूझकर नहीं’’ किया गया। हालांकि उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि पार्टी ने ऐसा कर खतरा मोल ले लिया है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने बचे हैं, जिससे दलितों में नाराजगी पैदा हो सकती है।

भाषा राजकुमार प्रशांत

प्रशांत

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