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Wednesday, August 20, 2025

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर: सीईए नागेश्वरन

Newsवैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर: सीईए नागेश्वरन

(फाइल फोटो के साथ)

(टी. जी. बिजू)

तिरुवनंतपुरम, 18 जून (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत एक बेहतर स्थिति में बना हुआ है।

उन्होंने मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश के स्थिर आर्थिक प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए यह बात कही।

सीईए ने ‘पीटीआई -भाषा’ के साथ बातचीत में कहा कि कहा कि 2022 से संघर्ष एवं व्यवधान वैश्विक परिदृश्य का हिस्सा रहे हैं लेकिन वे अब अधिक अप्रत्याशित हो गए हैं। इससे समग्र परिवेश चाहे राजनीतिक, आर्थिक या सुरक्षा से संबंधित हो दुनिया भर में वृद्धि के लिए कहीं अधिक चुनौतियां पेश कर रहे हैं।

नागेश्वरन ने पश्चिम एशिया में यूक्रेन-रूस, भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्षों और शुल्क युद्धों के कारण बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे किए गए सवाल पर कहा कि आप कह सकते हैं कि सकारात्मक संभावनाओं पर कहीं न कहीं ये स्थितियां हावी हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, यह कई देशों को प्रभावित कर रही हैं।

सीईए ने कहा, ‘‘ कुछ हद तक यह कहा जा सकता है कि आज वैश्विक परिवेश चाहे वह राजनीतिक हो, आर्थिक हो या सुरक्षा से संबंधित हो, वृद्धि के लिए काफी जटिल और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है… न केवल भारत के लिए बल्कि कई देशों के लिए, लगभग पूरी विश्व अर्थव्यवस्था के लिए…।’’

नागेश्वरन ने कहा कि लेकिन उनका मानना है कि इन परिस्थितियों में भी भारत वास्तव में अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में है।

सीईए ने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत की 6.5 प्रतिशत की मौजूदा वृद्धि दर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि 2008 के वित्तीय संकट के बाद से वैश्विक माहौल कितना कठिन हो गया है, इसे देखते हुए इस दर को बनाए रखना कोई मामूली बात नहीं है।

सरकार ने वृद्धि दर को सात प्रतिशत और उससे अधिक तक बढ़ाने के लिए प्रयास जारी रखे हुए है।

नागेश्वरन ने आगाह किया कि विश्व अब उन अनुकूल परिस्थितियों में काम नहीं कर रहा है, जिसमें पहले करता था।

सीईए ने कहा कि सरकार तेजी से वृद्धि करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, लेकिन आज की दुनिया में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर बनाए रखना भी एक बड़ी उपलब्धि है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

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