एंटवर्प, 20 जून (भाषा) एफआईएच प्रो लीग के यूरोप चरण में लगातार छह हार के बाद अगले साल होने वाले विश्व कप के लिये सीधे क्वालीफाई करने का सपना टूट ही चुका है लिहाजा भारतीय हॉकी टीम अब बेल्जियम के खिलाफ बाकी दो मैचों में जीत दर्ज करके प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश में होगी ।
भारतीय पुरूष हॉकी टीम शनिवार और रविवार को दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम से आखिरी दो मैच खेलेगी ।
इस साल की शुरूआत में भुवनेश्वर चरण में अच्छे प्रदर्शन के बाद भारतीय पुरूष टीम काफी उम्मीदों के साथ यूरोप गई थी लेकिन अभी तक एक भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है ।
इन पराजयों के बाद टीम तीसरे से आठवें स्थान पर खिसक गई है जबकि कुल नौ टीमें ही तालिका में हैं । प्रो लीग के विजेता को अगले साल बेल्जियम और नीदरलैंड में होने वाले विश्व कप में सीधे प्रवेश मिलेगा ।
नीदरलैंड के खिलाफ भारत को 1 . 2 और 2 . 3 से पराजय मिली जबकि अर्जेंटीना ने उसे 3 . 2 और 2 . 1 से और आस्ट्रेलिया ने 3 . 2 और 3 . 2 से हराया ।
ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम ने यूरोप में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया लेकिन आखिरी क्षणों में गोल गंवाने की आदत का उसे खामियाजा भुगतना पड़ा है । आखिरी मिनटों में भारतीय डिफेंस चरमराता नजर आया और अधिकांश विजयी गोल आखिर के 13 मिनट में दागे गए ।
डिफेंस में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कमान बखूबी संभाली लेकिन अमित रोहिदास और सुमित जैसे सीनियर खिलाड़ियों से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी । फॉरवर्ड पंक्ति गोल करने के मौके भुना नहीं सकी ।
कोच क्रेग फुल्टोन पेनल्टी कॉर्नर तब्दीली दर से भी खुश नहीं होंगे ।
भारतीय महिला टीम को भी लंदन में लगातार चार मैचों में पराजय का सामना करना पड़ा है । उसे आस्ट्रेलिया ने 3 . 2 और 2 . 1 से जबकि अर्जेंटीना ने 4 . 1 और 2 . 0 से हराया ।
मुख्य कोच हरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में हालांकि टीम ने तेज रफ्तार आक्रामक हॉकी खेली लेकिन पेनल्टी कॉर्नर कमजोर रहा ।
महिला टीम भी शनिवार और रविवार को बेल्जियम से खेलेगी तो उसकी नजरें यूरोप चरण में पहली जीत दर्ज करने पर लगी होंगी । भारतीय महिला टीम इस समय नौ टीमों में सातवें स्थान पर है । उसे बर्लिन में चीन के खिलाफ 28 और 29 जून को आखिरी दो मैच खेलने हैं ।
भाषा मोना पंत
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